ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट कंपनी मैक्वायरी के संदीप भाटिया का मानना है कि अगले 3-6 महीनों के दौरान निफ्टी 50 इंडेक्स में और 10% की गिरावट हो सकती है। बहरहाल, इस सूचकांक में 27 सितंबर के अपने रिकॉर्ड हाई लेवल (26,277) से पहले ही 10 पर्सेंट करेक्शन देखने को मिल चुका है। भाटिया ने सीएनबीसी-टीवी18 के साथ बातचीत में कहा कि कोविड-19 के बाद बाजार में आई तेजी का दौर अब पीचे छूट चुका है और शेयर बाजार अब नॉर्मल की तरफ बढ़ रहा है।
भाटिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि बाजार में अभी और गिरावट देखा जाना बाकी है। मुमकिन है कि सूचकांक में अभी और 10 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिल सकती है।' उनका कहना था कि पिछले कुछ समय से वह बाजार को लेकर काफी सतर्क हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे।' भाटिया के मुताबिक, 'न सिर्फ कंपनियों के नतीजे निराशाजनक रहे हैं, बल्कि निश्चित तौर पर हमारी वैल्यूएशंस काफी ज्यादा हैं और आप बाजार में हमेशा चीयर लीडर बनकर इसका जश्न नहीं मना सकते, क्योंकि बाजार में तेजी है।'
भाटिया के मुताबिक, निराशाजनक अर्निंग सीजन के बाद अर्निंग डाउनग्रेड डबल डिजिट में होगा। उनका यह भी कहना था कि असली चुनौती एक तय अवधि में फंड फ्लो की होगी। उन्होंने कहा, 'आने वाले समय (2025) में असली खेल अमेरिकी बाजार में देखने को मिलेगा और आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियों की वजह से अमेरिकी बाजार में निवेशकों की जबरदस्त दिलचस्पी देखने को मिलेगी। लिहाजा, अगर आने वाले समय में डॉलर में मजबूती रहती है, तो निश्चित तौर पर इसका असर भारत समेत तमाम उभरते हुए बाजारों पर पड़ेगा। ऐसे में मेरे हिसाब से अगले 3-6 महीनों में बाजार में 10 पर्सेंट तक का करेक्शन देखने को मिल सकता है।'
बहरहाल, यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि डॉलर में मजबूती, नए ट्रंप एडमिनिस्ट्रेसन की नीतियों और वैल्यूशंस को लेकर अमेरिकी बाजार का क्या रुख रहेगा। भाटिया के मुताबिक, यह सब कुछ चुनौतीपूर्ण रहेगा और इन सबका बाजार के करेक्शन में योगदान देखने को मिलेगा।