निलेश शाह ने इस गिरावट को करेक्शन बताया, कहा-इसे बेयर मार्केट नहीं समझना चाहिए

निलेश शाह ने कहा कि यह करेक्शन है। यह बेयर मार्केट नहीं है। इंडियन मार्केट्स के लिए बेयर मार्केट में जाने की कोई वजह नहीं है। आम तौर पर बुल मार्केट्स में भी 15-20 फीसदी का करेक्शन आता है। कई निवेशक निराशा में अपने स्टॉक्स बेच सकते हैं। लेकिन, यह खरीदारी करने का मौका है

अपडेटेड Mar 13, 2025 पर 6:06 PM
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निलेश शाह ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के शेयर गिरावट के बाद अट्रैक्टिव हो गए हैं। Paytm, Zomato, Swiggy और PB Fintech जैसी कंपनियों के शेयर 30-44 फीसदी तक गिरे हैं।

इनविजन कैपिटल के सीईओ निलेश शाह ने यह साफ किया है कि मार्केट में जारी गिरावट करेक्शन है। इस गिरावट को कई लोग बेयर मार्केट मान रहे हैं। उनका मानना है कि इंडियन मार्केट बेयर मार्केट के ट्रैप में है। लेकिन, यह सच नहीं है। सीएनबीसी-टीवी18 के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि मार्केट में हालिया बिकवाली का मतलब यह नहीं है कि इंडिया का मार्केट बेयर फेज में है। इंडियन मार्केट में गिरावट का यह सिलसिला सितंबर 2024 के आखिर में शुरुआ हुआ था। तब से मार्केट लगातार गिर रहा है। इससे निवेशकों को काफी लॉस हुआ है।

बुल मार्केट में 15-20 फीसदी करेक्शन आता है

शाह ने कहा, "यह करेक्शन है। यह बेयर मार्केट नहीं है। इंडियन मार्केट्स के लिए बेयर मार्केट में जाने की कोई वजह नहीं है।" आम तौर पर बुल मार्केट्स में भी 15-20 फीसदी का करेक्शन आता है। उन्होंने कहा कि कई निवेशक निराशा में अपने स्टॉक्स बेच सकते हैं। लेकिन, यह खरीदारी करने का मौका है। कुछ तिमाही बाद जब हम इस करेक्शन को याद करेंगे तो हमारे मन में यह सवाल भी आएगा कि यह खरीदारी का बड़ा मौका था।


डिजिटल प्लेटफॉर्म कंपनियों के स्टॉक्स अट्रैक्टिव

उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के शेयर गिरावट के बाद अट्रैक्टिव हो गए हैं। Paytm, Zomato, Swiggy और PB Fintech जैसी कंपनियों के शेयर 30-44 फीसदी तक गिरे हैं। उन्होंने इन शेयरों में लंबी अवधि की संभावनाओं पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि यह समय डिजिटल रास्ते पर आगे बढ़ने का है। अगले तीन से पांच सालों तक डिजिटल कंपनियों की ग्रोथ डबल डिजिट में रह सकती है।

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डिजिटल प्लेटफॉर्म कंपनियों की ग्रोथ तेज रहेगी

डिजिटल कंपनियों के लिए रेगुलेटरी चैलेंजेज और कॉम्पटिटिव प्रेशर के बारे में उन्होंने कहा कि ये कंपनियां बाहरी रिस्क से काफी हद तक सुरक्षित हैं। टैरिफ और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का असर इन कंपनियों के बिजनेस पर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले 5-7 सालों में सेंसेक्स और निफ्टी में शामिल कंपनियां बदल जाएंगी। कई डिजिटल कंपनियां इनमें शामिल हो जाएंगी। शाह ने अच्छी कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनियों की संभावनाओं के बारे में भी बताया। उनका फोकस एल्कोहलिक बेवरेजेज, ब्यूटी और पर्सनल केयर सेगमेंट्स की कंपनियों पर था। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर पर है। इससे इन सेगमेंट की कंपनियों की ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।

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