नोएडा टोल ब्रिज के शेयरों में लगा 5% का लोअर सर्किट, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'DND फ्लाइवे पर टोल नहीं वसूल सकती कंपनी'

Noida Toll Bridge Shares: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 20 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नोएडा टोल ब्रिज कंपनी से डीएनडी फ्लाईवे (DND Flyway) पर टोल वसूलने का अधिकार छीन लिया गया था। यह फ्लाईवे नोएडा और दिल्ली को जोड़ता है और इसका मैनेजमेंट नोएडा टोल ब्रिज कंपनी करती है। इस फैसले के बाद नोएडा टोल ब्रिज का शेयर 5% लुढ़ककर अपनी लोअर सर्किट सीमा में पहुंच गया

अपडेटेड Dec 20, 2024 पर 12:54 PM
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Noida Toll Bridge Shares: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीएनडी फ्लाईवे पर टोल नहीं लगाया जाना चाहिए

Noida Toll Bridge Shares: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 20 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नोएडा टोल ब्रिज कंपनी से डीएनडी फ्लाईवे (DND Flyway) पर टोल वसूलने का अधिकार छीन लिया गया था। यह फ्लाईवे नोएडा और दिल्ली को जोड़ता है और इसका मैनेजमेंट नोएडा टोल ब्रिज कंपनी करती है। इस फैसले के बाद नोएडा टोल ब्रिज का शेयर 5 फीसदी लुढ़ककर अपनी लोअर सर्किट सीमा में पहुंच गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीएनडी फ्लाईवे पर टोल नहीं लगाया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा किनोएडा टोल ब्रिज पहले ही परियोजना की पूरी लागत, रखरखाव की लागत और उसके ऊपर पर्याप्त लाभ की वसूली कर चुकी है। इसलिए आगे टोल लगाने का कोई मामला नहीं बनता है।

सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना की लागत निकालने वाले फार्मूले की भी आलोचना की और कहा कि इसकी भाषा हमेशा के लिए वसूली की अनुमति देने के लिए तैयार की गई है, जो संविधान के साथ असंगत है। कोर्ट ने नोएडा टोल ब्रिज के चयन से पहले दूसरी कंपनियों से प्रतिस्पर्धी बोलियां मंगाने में असमर्थ रही नोएडा अथॉरिटी की भी कड़ी आलोचना की।


नोएडा टोल ब्रिज की प्रमोटर ILFS है, जिसकी इस कंपनी में करीब 26.37% हिस्सेदारी है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इससे पहले 2016 में फैसला सुनाया था कि कंपनी पहले ही DND फ्लाइवे से रिटर्न, ब्याज और लागत वसूल कर चुकी है। ऐसे में वह डीएनडी फ्लाइवे होकर गुजरने वाले वाहनों से टोल या यूजर्स फीस नहीं ले सकती है।

हाई कोर्ट ने भी अपने फैसले में प्रोजक्ट लागत निकालने के फार्मूले की आलोचना की थी और कहा था कि इस फार्मूले के मुताबिक लागत वसूलने के लिए 100 साल भी पर्याप्त नहीं हैं। हालांकि, नोएडा टोल ब्रिज कंपनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आदेश पर स्टे देने यानी रोक लगाने से इनकार कर दिया था और DND फ्लाइवे आज भी टोल मुक्त है।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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First Published: Dec 20, 2024 12:54 PM

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