विदेशी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने 2026 में निफ्टी के लिए 29,300 प्वाइंट्स का टारगेट दिया है। यह करेंट लेवल से करीब 12 फीसदी ज्यादा है। उसका मानना है कि जियोपॉलिटिक्स से जुड़ा रिस्क घटता दिख रहा है। इकोनॉमी की सेहत अच्छी है और अर्निंग्स में रिकवरी की उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि ग्लोबल मार्केट्स के मुकाबले इंडियन मार्केट्स का प्रदर्शन बीते 14 महीनों में कमजोर रहा है। इससे इंडियन मार्केट का वैल्यूएशन प्रीमियम कम हुआ है। यह लंबी अवधि के लिहाज से शेयरों में निवेश का अच्छा मौका है।
इस हफ्ते निफ्टी और सेंसेक्स नई ऊंचाई पर
Nifty 50 और Sensex इस हफ्ते रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। निफ्टी 26,300 के पार गया, जबकि सेंसेक्स ने 86,100 प्वाइंट्स के लेवल को छुआ। Bank Nifty भी पहली बार 60,000 प्वाइंट्स के पार चला गया। नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घरेलू निवेश से मार्केट्स को अच्छा सहारा मिला है। FY25 में ग्रॉस फाइनेंशियल सेविंग्स में शेयरों की हिस्सेदारी 13 फीसदी पर बनी रही। लिक्विडिटी का 78 फीसदी हिस्सा आईपीओ में गया। इसका सेंटिमेंट पर कोई निगेटिव असर नहीं पड़ा।
अर्निंग्स ग्रोथ आगे बेहतर रहने की संभावना
नोमुरा का मानना है कि फिलहाल विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद नहीं दिख रही। लेकिन, अगर ग्लोबल मार्केट्स में AI कंपनियों के शेयरों में इनवेस्टर्स की दिलचस्पी घटती है और रिस्क प्रीमियम कंट्रोल में रहता है तो इंडियन मार्केट्स फिर से फॉरेन इनवेस्टर्स के लिए अट्रैक्टिव बन सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म को आगे कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। यह FY26 में डबल डिजिट में रह सकती है।
इन सेक्टर्स का प्रदर्शन 2026 में रहेगा अच्छा
ब्रोकरेज फर्म ने केमिकल्स, ऑयल एंड गैस, सीमेंट और मेटल्स जैसे कमोडिटी लिंक्ड सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताई है। उसने 2026 में निवेशकों को बॉटम-अप और सेलेक्टिव एप्रोच अपनाने की सलाह दी है। उसका मानना है कि इनवेस्टर्स को कहानी (narrative) से जुड़े और ज्यादा वैल्यूएशन वाले शेयरों से दूर रहना चाहिए। ब्रोकरेज फर्म को फाइनेंशियल्स, आईटी सर्विसेज, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, रियल एस्टेट, इंटरनेट, सीमेंट, टेलीकॉम और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई है।
अगले साल ये सेक्टर्स कर सकते हैं निराश
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इनवेस्टर्स को नए साल में कंज्यूमर स्टेपल्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल गुड्स और हेल्थकेयर सर्विसेज को लेकर सावधानी बरतनी होगी। उसने कहा है कि अगर कमोडिटी की कीमतें बढ़ती हैं, ग्लोबल लेवल पर रिस्क बढ़ता है या ग्लोबल स्लोडाउन उम्मीद से तेज रहता है तो हालात फिर से खराब हो सकते हैं। इधर, भारत में पूंजीगत खर्च बढ़ने से मार्केट्स को सपोर्ट मिलेगा।
मॉर्गन स्टेनली ने सेंसेक्स के लिए दिया है बड़ा टारगेट
पिछले महीने मॉर्गन स्टेनली ने भी अगले साल दिसंबर तक सेंसेक्स के 1,07,000 प्वाइंट्स तक पहुंच जाने की उम्मीद जताई थी। उसने कहा था कि अगर मार्केट में बुल-रन जारी रहता है तो सेंसेक्स इस लेवल तक पहुंच सकता है। अगर मार्केट पर बेयर्स का असर बढ़ता है तो सेंसेक्स अगले साल के अंत तक 95,000 तक जा सकता है। इसका मतलब है कि सेंसेक्स में करेंट लेवल से 13 फीसदी तेजी आ सकती है। गोल्डमैन सैक्स ने भी अगले साल के अंत तक निफ्टी 50 के 29,000 प्वाइंटस तक जाने की उम्मीद जताई है।