म्यूचुअल फंड, पीएमएस और एआईएफ में शानदार प्रदर्शन के बाद सुनील सिंघानिया फिर से म्यूचुअल फंड की दुनिया में लौट आए हैं। उनकी एसेट मैनजमेंट कंपनी अबेकस एएमसी की पहली स्कीम 8 दिसंबर को आ रही है। यह एक फ्लेक्सी-कैप फंड है। सवाल है कि क्या इनवेस्टर्स को इस पहली स्कीम से उसी तरह के रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए, जितना रिटर्न देने का सिंघानिया का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है?
सिंघानिया म्यूचुअल फंड की दुनिया में लौट आए हैं
पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट Sunil Singhania ने 2000 के दशक की शुरुआत में रिलायंस म्यूचुअल फंड को ज्वाइन किया था। 2005 में वह इस एएमसी में चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (इक्विटीज) बने थे। 2014 में वह रिलायंस कैपिटल ग्रुप के ग्लोबल हेड (इक्विटीज) बने। 2017 में रिलायंस कैपिटल को छोड़ने के बाद उन्होंने अबेकस शुरू किया। इस साल अक्तूबर में अबेकस का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 40,000 करोड़ रुपये था। अपनी अबेकस एएमसी के साथ वह फिर से म्यूचुअल फंड की दुनिया में लौट आए हैं।
सिंघानिया ने निवेशकों का पैसा 100 गुना किया था
सिंघानिया की लीडरशिप में रिलायंस ग्रोथ फंड ने गजब का रिटर्न दिया था। मार्च 2003 से अगस्त 2017 के बीच इस फंड ने सालाना 25.4 फीसदी रिटर्न दिया था। इस फंड ने इस दौरान निवेशकों के पैसे को करीब 100 गुना किया था। उनकी लीडरशिप में रिलांयसक स्मॉल कैप फंड ने भी दिसंबर 2010 से अगस्त के बीच सालाना 15.8 फीसदी रिटर्न दिया था। सिंघानिया के पीएमएस और एआईएफ ने भी अपने रिटर्न से चौंकाया था।
खास इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करते हैं सिंघानिया
इस दिग्गज फंड मैनेजर का भरोसा चीजों को आसान बनाए रखने में रहा है। लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का उनका 15X15X15 फॉर्मूला काफी मशहूर है। पहले 15 का मतलब 15 फीसदी की अर्निंग्स ग्रोथ है। दूसरे 15 का मतलब 15 फीसदी ROE है। तीसरे 15 का मतलब 15 का P/E है। आज भी अबेकस में वह पोर्टफोलियो लेवल पर इस अनुशासन का इस्तेमाल करते हैं। उनका मानना है कि निवेश से लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार करने के लिए अनुशासन सबसे जरूरी है।
सिंघानिया की इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के दो आधार
अगर 15X15X15 फार्मूले को सिंघानिया की इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी की बुनियाद मानी जाए तो MEETS को उसका आर्किटेक्चर मानना होगा। अबेकस में तैयार इस इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी की बदौलत सिंघानिया ने इनवेस्टर्स को मार्केट से कई गुना ज्यादा रिटर्न दिया है। MEETS में एम का मतलब मैनेजमेंट है। E का मतलब अर्निंग्स है। दूसरे E का मतलब इवेंट्स/ट्रेंड्स है। T का मतलब टाइमिंग है। S का मतलब स्ट्रक्चर अपॉर्चुनिटी है। इस इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी ने रिटर्न के मामले में कमाल किया है।