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NSE और CSK के अनलिस्टेड स्टॉक्स खरीदना चाहते हैं? पूरे प्रोसेस के साथ जानिए फायदे और नुकसान

Unlisted Stocks: NSE और CSK जैसे अनलिस्टेड शेयरों में निवेश का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। क्या ये वाकई मुनाफे का मौका हैं या जोखिम भरा जाल? जानिए कैसे खरीदें, क्या हैं फायदे, और किन खतरों से बचना जरूरी है।

अपडेटेड Jul 28, 2025 पर 11:33 PM
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अनलिस्टेड शेयर कई बार बाजार में कम कीमत पर मिल जाते हैं।

Unlisted Stocks: जो निवेशक अपने निवेश पर ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, उनके लिए अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर एक नया और आकर्षक विकल्प बनकर उभरे हैं। यानी ऐसी कंपनियां जिनके शेयर अभी तक शेयर बाजार में लिस्ट नहीं हुए हैं, लेकिन फिर भी लोग उनमें पैसा लगा रहे हैं।

Chennai Super Kings (CSK) और NSE जैसे बड़े नाम इन दिनों चर्चा में हैं। इन स्टॉक्स को अनलिस्टेड मार्केट में खरीदने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। खास बात ये है कि अब सिर्फ रईस लोग ही नहीं, बल्कि आम निवेशक भी बड़ी संख्या में इन शेयरों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

NSE के शेयरों में खुदरा निवेशकों की बाढ़


Moneycontrol की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून 2025 के बीच NSE के अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करने वाले आम निवेशकों की संख्या 4 गुना बढ़ गई। जहां पहले 33,896 निवेशक थे, अब ये संख्या 1.46 लाख हो गई है। इससे NSE के कुल शेयरधारक अब 1.59 लाख से ज्यादा हो गए हैं। यानी NSE अब भारत की सबसे बड़ी अनलिस्टेड कंपनियों में शामिल हो गई है।

With Nifty at 20k, this sector enjoys maximum bullishness; Stocks to sustain gains

लेकिन सब कुछ इतना आसान नहीं...

हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर हुई थी, जिसमें कहा गया था कि SEBI को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगानी चाहिए जो अनलिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री कराते हैं। हालांकि ये याचिका बाद में वापस ले ली गई, लेकिन इससे ये चिंता सामने आई कि इन प्लेटफॉर्म्स पर पारदर्शिता और नियमों की कमी से निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

अनलिस्टेड शेयर क्यों बन रहे हैं पसंद?

अनलिस्टेड शेयर कई बार बाजार में कम कीमत पर मिल जाते हैं। InCred Money के सीईओ विजय कुप्पा के अनुसार, "ये भी वैसे ही हैं जैसे बाजार में लिस्टेड शेयर, मतलब अच्छी कंपनी के शेयर सस्ते में खरीदने का मौका।"

True North Finance के रोचक बक्शी कहते हैं, "निवेशक मानते हैं कि ये कंपनियां भविष्य में लिस्ट होंगी और तब उनके शेयर की कीमत बढ़ेगी। इसी भरोसे पर वे अनलिस्टेड स्टॉक्स पर दांव लगाते हैं"

कैसे करें इन शेयरों में निवेश?

आज कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियां अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करने की सुविधा देती हैं। जैसे कि InCred Money नाम की कंपनी, जो KYC और पेमेंट गेटवे के जरिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करती है। जब आप पैसा ट्रांसफर कर देते हैं, तो 2-3 दिन में वो शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं। साथ ही, ऑफलाइन तरीके से भी आप स्टॉक्स खरीद सकते हैं।

इसके अलावा आप उन लोगों से भी शेयर खरीद सकते हैं जिनके पास ESOP (Employee Stock Ownership Plan) के तहत कंपनी के शेयर मिले हैं। कुछ मामलों में आप सीधे कंपनी के प्रमोटर्स से भी शेयर खरीद सकते हैं, लेकिन उसमें न्यूनतम निवेश की सीमा हो सकती है।

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जोखिम क्या हैं? सावधानी जरूरी है

ये सबसे अहम बात है, अनलिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री पर SEBI का कोई सीधा कंट्रोल नहीं है। मतलब अगर आपके साथ धोखा हो जाए, तो कानूनी मदद मिलना मुश्किल हो सकता है।

रोचक बक्शी कहते हैं, "यह पूरी तरह से संदिग्ध मामला है। ऐसे सौदों में सिर्फ भरोसेमंद प्लेटफॉर्म और सलाहकार के जरिए ही निवेश करें।" वहीं, विजय कुप्पा ने चेतावनी दी कि कई बार लोग शेयर बेचने का वादा करके बाद में मुकर जाते हैं क्योंकि वे खुद ही उचित दाम पर शेयर नहीं खरीद पाते।

इसके अलावा लिक्विडिटी का भी बड़ा जोखिम है। यानी अगर आपको पैसे की जरूरत हो और आप शेयर बेचना चाहें, तो लिस्टेड मार्केट जितनी आसानी से खरीदार नहीं मिलेगा।

कुप्पा का कहना है, "आपको अनलिस्टेड स्टॉक्स में तभी निवेश करना चाहिए, जब आप 5 साल तक निवेश बनाए रह सकें, न कि केवल लिस्टिंग लाभ के लिए। साथ ही, प्री-आईपीओ निवेशकों को लिस्टिंग के बाद छह महीने की लॉक-इन अवधि के लिए भी तैयार रहना चाहिए।"

खुद रिसर्च करें, भीड़ की ना सुने

अनुभवी निवेशक ऐसी अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश को अपने पूरे पोर्टफोलियो का सिर्फ एक छोटा हिस्सा ही बनाते हैं। अगर आप सिर्फ सोशल मीडिया या FOMO (Fear of Missing Out) की वजह से निवेश करते हैं, तो आप महंगे शेयर खरीद सकते हैं और नुकसान झेल सकते हैं। भले ही वो शेयर बाद में लिस्ट हो जाए। ऐसा हाल में कुछ कंपनियों के मामले में हुआ भी है।

इसलिए निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में रिसर्च करें, उसके फाइनेंशियल डेटा देखें, और सोचे-समझे फैसले लें। Vijay Kuppa ने साफ कहा, "यहां भी वही जोखिम हैं जो लिस्टेड शेयरों में होते हैं। मतलब कंपनी की हालत या मार्केट के बदलने से शेयर की कीमत गिर सकती है।"

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