FD vs SIP: ₹10 लाख की FD या ₹5 हजार की SIP, कौन आपको पहले बनाएगा करोड़पति?

FD vs SIP: ₹10 लाख FD या ₹5,000 की SIP, कौन पहले बनाएगा आपको करोड़पति? जानिए कौन-सी रणनीति जल्दी देती है बड़ा रिटर्न, और कितना समय लगता है ₹1 करोड़ का टारगेट पूरा करने में।

अपडेटेड Jul 19, 2025 पर 2:05 PM
Story continues below Advertisement
SIP में औसतन लॉन्ग टर्म 12% सालाना का रिटर्न मिलता है। वहीं, FD में यह 7% के आसपास रहता है।

FD vs SIP: अगर बचत के पैसे निवेश करने की बात की जाए, तो अक्सर लोगों के पास विकल्प रहते हैं... फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या फिर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)। जिनके पास थोड़ी बड़ी रकम होती है, वे फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगाते हैं। वहीं जिनके पास नियमित बचत की आदत है, वे SIP जैसे विकल्प चुनते हैं।

लेकिन असल सवाल यह है, अगर लक्ष्य 1 करोड़ रुपये का है, तो कौन-सी स्ट्रैटेजी वहां पहले पहुंचाएगी। ₹10 लाख की FD या हर महीने ₹5,000 की SIP? आइए इसका पूरा कैलकुलेशन समझते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट: क्या है, और इसके फायदे-नुकसान


FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट, पारंपरिक और सुरक्षित निवेश माध्यमों में से एक है। इसमें आप एकमुश्त रकम जमा करते हैं और बैंक उस पर एक तय ब्याज दर के अनुसार आपको निश्चित रिटर्न देता है। FD की अवधि पहले से तय होती है और इसकी ब्याज दर बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होती।

FD vs SIP (2)

इसके कुछ खास फायदे हैं। जैसे कि आपका पैसा सुरक्षित रहता है और ब्याज दर पहले से तय रहती है। इसमें शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का रिस्क नहीं रहता है। वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ भी मिलता है। अगर नेगेटिव प्वाइंट की बात करें, तो FD में रिटर्न सीमित होता है, औसतन 6-7% तक। यह महंगाई दर को मात देने में अक्सर नाकाम रहता है। फिर ब्याज पर भी टैक्स देनदारी बनती है। इसकी लंबी अवधि में ग्रोथ बहुत धीमी रहती है।

FD से 1 करोड़ में कितने समय में बनेगा?

अब मान लीजिए कि आपने ₹10 लाख एकमुश्त FD में जमा किए हैं और ब्याज दर 7% सालाना है। आइए देखते हैं कि इस दर पर कंपाउंडिंग के साथ यह रकम कितने वर्षों में ₹1 करोड़ होगी।

साल मैच्योरिटी अमाउंट
10 साल ₹19.67 लाख
15 साल ₹27.59 लाख
20 साल ₹38.70 लाख
25 साल ₹54.23 लाख
30 साल ₹76.12 लाख
33.5 साल ₹1 करोड़ (लगभग)

इसका मतलब यह हुआ कि ₹10 लाख की FD को ₹1 करोड़ बनने में लगभग 33.5 साल लगते हैं। वो भी तब, जब ब्याज पर कोई टैक्स न लगे और पूरी अवधि में कोई निकासी न की जाए।

SIP: कम निवेश, लेकिन ज्यादा संभावना

SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, एक निवेश मॉडल है। इसमें आप हर महीने एक तय राशि म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। यह रकम ₹100 से लेकर हजारों तक में हो सकती है। यह योजना शेयर बाजार से जुड़ी होती है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव आते हैं। लेकिन, लंबे समय में इक्विटी आधारित SIP औसतन बेहतर रिटर्न देने में सफल रही है।

Investment की ताज़ा खबरें | ब्रेकिंग और लेटेस्ट न्यूज़ in Hindi

अगर SIP के फायदों की बात करें, तो छोटे निवेश से शुरुआत मुमकिन है। इसमें कंपाउंडिंग का असर ज्यादा दिखता है। इसमें FD जैसा लॉक-इन पीरियड का झंझट नहीं रहता। इसे कभी भी शुरू या बंद किया जा सकता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कुछ टैक्स राहत मिलती है। वहीं, जोखिम की बात करें, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीम वाली SIP पूरी तरह से बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहती है। साथ ही, तय रिटर्न की कोई गारंटी नहीं। आपको अनुशासन और धैर्य के साथ निवेश करना होगा।

₹5000 की SIP से कितने समय में बनेगा ₹1 करोड़?

SIP में औसतन लॉन्ग टर्म 12% सालाना का रिटर्न मिलता है। अब मान लीजिए आप हर महीने ₹5,000 की SIP करते हैं और औसतन 12% सालाना रिटर्न मिल रहा है। नीचे बताया गया है कि इस रफ्तार से ₹1 करोड़ बनने में कितना समय लगेगा:

वर्ष कुल निवेश मैच्योरिटी अमाउंट
20 साल ₹12 लाख ₹34.88 लाख
25 साल ₹15 लाख ₹67.28 लाख
29 साल ₹17.4 लाख
₹1 करोड़ (लगभग)
30 साल ₹18 लाख ₹1.53 करोड़

इसका मतलब है कि ₹5,000 की मासिक SIP से आप लगभग 29 वर्षों में 1 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच सकते हैं, वो वह भी बिना एकमुश्त बड़ी रकम लगाए। वहीं, अगर आप FD की तरह 5000 की SIP 33.5 साल तक जारी रखते हैं, तो कंपाउंडिंग की ताकत से आपका कुल रिटर्न ₹2.71 करोड़ हो जाएगा। वहीं, इस अवधि में 10 लाख रुपये की FD को सिर्फ 1 करोड़ रुपये ही बना पाएगी।

Rupee weakness continues: 5 key points analysts want you to know

FD vs SIP: कौन-सा विकल्प बेहतर?

इस सवाल का जवाब पूरी तरह से आपकी सहूलियत पर निर्भर करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपका मकसद केवल पूंजी की सुरक्षा है और आप बाजार का उतार-चढ़ाव नहीं झेल सकते, तो FD एक बेहतर विकल्प है। लेकिन 1 करोड़ रुपये तक पहुंचने के लिए इसे 33.5 साल तक बनाए रखना होगा, जो एक लंबी और धीमी प्रक्रिया है। साथ ही, FD को इतनी लंबी अवधि तक बनाए कई बार रखना प्रैक्टिकल भी नहीं होता।

दूसरी ओर, SIP कम पूंजी से शुरू होती है, लेकिन अनुशासन और धैर्य के साथ 29 साल में 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य संभव बनाती है। इसमें बेहतर रिटर्न की गुंजाइश भी रहती है। जैसे कि कुछ म्यूचुअल फंड की स्कीम औसतन 15% से 20% तक रिटर्न भी दे सकती हैं। हालांकि, इनमें जोखिम भी अधिक रहता है।

अगर आपके 5000 की SIP पर 15% सालाना रिटर्न मिलता है, तो आप 1 करोड़ का फंड 21 साल 4 महीने में ही बना लेंगे। यानी FD से करीब 12 साल पहले।

यह भी पढ़ें : Retirement Planning: रिटायरमेंट के लिए कितना चाहिए फंड, कहां लगाएं पैसा? जानिए एक्सपर्ट से

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

Tags: #sip

First Published: Jul 18, 2025 8:00 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।