NSE और BSE 1 अप्रैल से एक-दूसरे के लिए अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के रूप में कार्य करेंगे। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने आज 28 नवंबर को यह सर्कुलर जारी किया है। इस पहल का मकसद तकनीकी दिक्कत आने पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग जारी रखना है। सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा कि 1 अप्रैल 2025 से BSE और BSE एक दूसरे के लिए अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के रूप में काम करेंगे। इसका मतलब है कि BSE में तकनीकी दिक्कत आने पर NSE पर ट्रेडिंग शिफ्ट होगी और इसी तरह NSE में दिक्कत पर BSE पर ट्रेडिंग शिफ्ट की जाएगी।
