एनएसई के इंडेक्सों का हर तिमाही रिव्यू होता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि हर बार रिव्यू में कोई बदलाव ही हो। इस बार भी नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का मानना है कि किसी बड़े बदलाव या वॉल्यूम पर खास असर के आसार नहीं दिख रहे हैं। दिसंबर 2024 के लिए तिमाही रिव्यू 30 दिसंबर को होना है। इन बदलावों के बाद कुछ इंडेक्सों में शामिल कुछ कंपनियों में निवेश आएगा तो कुछ से निकासी होगी, इनके बारे में नीचे बताया जा रहा है। नुवामा ने वेटेज में बदलाव के चलते कितना निवेश आएगा, या निकासी होगा, इसका अनुमान लगाया है।
सबसे अधिक इनमें आएगा पैसिव इनफ्लो यानी निवेश
सबसे अधिक इनसे होगी पैसिव आउटफ्लो यानी निकासी
इनके वेटेज में होगा बदलाव
निफ्टी 50 के आठ स्टॉक्स के वेटेज में बदलाव होगा। एचडीएफसी बैंक का वेटेज 12.7 फीसदी से बढ़कर 12.8 फीसदी और अदाणी एंटरप्राइजेज का 0.5 फीसदी से बढ़कर 0.6 फीसदी हो जाएगा। इसके अलावा एचसीएल टेक और आईसीआईसीआई बैंक का भी वेटेज बढ़ेगा लेकिन मामूली। वेटेज में इस बदलाव के चलते अदाणी एंटरप्राइजेज में 1.5 करोड़ डॉलर, एचडीएफसी बैंक में 1.2 करोड़ डॉलर, आईसीआईसीआई बैंक में 40 लाख डॉलर और एचसीएल टेक में 20 लाख डॉलर तक का निवेश आ सकता है।
वहीं दूसरी तरफ टाटा मोटर्स के वेटेज में 1.5 फीसदी की गिरावट आएगी। साथ ही एमएंडएम, एचयूएल और आईटीसी का वेटेज भी कम होगा। वेटेज में कटौती के चलते टाटा मोटर्स से 90 लाख डॉलर, एमएंडएम से 80 लाख डॉलर, एचयूएल से 30 लाख डॉलर और आईटीसी से 20 लाख डॉलर की निकासी होगी।
Nifty Bank में होंगे ये बदलाव
दिसंबर तिमाही रिव्यू में निफ्टी बैंक में भी बदलाव होगा। पंजाब नेशनल बैंक, इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के वेटेज में बढ़ोतरी से इसमें निवेश आएगा। वहीं वेटेज कम होने से एचडीएफसी बैंक से 5.9 करोड़ डॉलर, एसबीआई से 5.7 करोड़ डॉलर और कोटक महिंद्रा बैंक से 1.9 करोड़ डॉलर की निकासी होगी।
CPSE इंडेक्स में भी होगा बदलाव
सरकारी कंपनियों को ट्रैक करने वाले सीपीएसई इंडेक्स में अहम बदलाव होंगे और एनटीपीसी, कोचीन शिपयार्ड का वेटेज बढ़ेगा। एनटीपीसी का वेटेज बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा और इसमें 7.4 करोड़ डॉलर का निवेश आएगा जबकि कोचीन शिपयार्ड का वेटेज बढ़कर 2 फीसदी हो जाएगा और इसमें 1.3 करोड़ डॉलर का निवेश आएगा। वहीं दूसरी तरफ पावर ग्रिड, बीईएल, ओएनजीसी, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया, एनएचपीसी, एनबीसीसी, एनएलसी इंडिया, और एसजेवीएन का वेटेज कम होगा और कुल मिलाकर $8.7 करोड़ की निकासी हो सकती है।
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