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Oil & Gas Stocks: RIL के शेयर 8 महीने के हाई पर, BPCL, HPCL और ऑयल इंडिया के शेयरों में 4% तक की तेजी

Oil & Gas Stocks : एवेंडस स्पार्क द्वारा 630 रुपये प्रति शेयर के टारगेट के साथ 'BUY' कॉल शुरू करने के बाद ऑयल इंडिया के शेयरों में लगभग 3 फीसदी की तेजी आई। ब्रोकरेज का मानना है कि इस स्टॉक में पिछले बंद भाव से 44 फीसदी से अधिक की मजबूत बढ़त की संभावना है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 11, 2025 पर 3:03 PM
Oil & Gas Stocks: RIL के शेयर 8 महीने के हाई पर, BPCL, HPCL और ऑयल इंडिया के शेयरों में 4% तक की तेजी
यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन का मानना ​​है कि तेल के ग्लोबल भंडार में बढ़त के कारण निकट भविष्य में तेल की कीमतों में गिरावट आएगी

Oil & Gas Stocks : इंट्राडे में 8 महीने की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद निफ्टी में ऊपरी स्तरों पर थोड़ा दबाव देखने को मिला है। इंडेक्स 25200 के ऊपर नहीं टिक पाया। बैंक निफ्टी भी ऊपरी स्तरों से 350 अंक नीचे आ गया है। मिडकैप और स्मॉलकैप में भी आज मुनाफावसूली देखने को मिली है। वहीं INDIA VIX 1.5 से ज्यादा फिसलकर 14 के नीचे आ गया है। तेल गैस शेयरों में आज तेजी की बहार देखने को मिल रही है। OIL 5 फीसदी से ज्यादा उछाल के साथ वायदा का टॉप गेनर बना है। साथ ही BPCL, IOC और HPCL भी 3 फीसदी से ज्यादा ऊपर कारोबार कर रहे हैं।

इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर करीब 1.6 फीसदी उछलकर 1,461 रुपये पर पहुंच गए जो आठ महीने का इसका उच्चतम स्तर है। खास बात ये है कि बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स में भारत की सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली यह कंपनी आज की टॉप गेनर रही है। कच्चे तेल में आगे नरमी रहने की उम्मीद ने इन शेयरों जोश भर दिया है।

तेल की गिरती कीमतों ने इन कंपनियों के लिए बेहतर मार्जिन की उम्मीदें बढ़ा दी है। इससे निवेशकों के सेंटीमेंट को बूस्ट मिला है। शेयर कीमतों में तेज उछाल के चलते आज शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 1.7 फीसदी ऊपर चला गया। इसके अलावा एक अमेरिकी संस्था ने निकट भविष्य में तेल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद जताई है। इससे भी बाजार के सेंटीमेंट में सुधार हुआ है।

यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन का मानना ​​है कि तेल के ग्लोबल भंडार में बढ़त के कारण निकट भविष्य में तेल की कीमतों में गिरावट आएगी। संगठन का अनुमान है कि ब्रेंट क्रूड ऑयल मई में 64 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 2025 के अंत तक 61 डॉलर प्रति बैरल पर आ सकता और 2026 में इसका औसत भाव 59 डॉलर प्रति बैरल पर रह सकता है।

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