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क्रूड ऑयल हुआ 3 साल में सबसे सस्ता; एशियन पेंट्स, HPCL, अपोलो टायर्स के शेयर 4.5% तक चमके

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑयल (Crude Oil Pirce) का भाव अपने 3-सालों के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इसके चलते आज 6 मार्च को क्रूड ऑयल से जुड़े शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली। एशियन पेंट्स, BPCL, HPCL, अपोलो टायर्स जैसी कंपनियों के शेयर 3.5 से 4 फीसदी तक उछल गए। मॉर्गन स्टैनली ने बाकी साल के अपने ब्रेंट क्रूड के अनुमानों को घटा दिया है

अपडेटेड Mar 06, 2025 पर 1:12 PM
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ब्रेंट क्रूड की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गईं हैं

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑयल (Crude Oil Pirce) का भाव अपने 3-सालों के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इसके चलते आज 6 मार्च को क्रूड ऑयल से जुड़े शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली। एशियन पेंट्स, BPCL, HPCL, अपोलो टायर्स जैसी कंपनियों के शेयर 3.5 से 4 फीसदी तक उछल गए। क्रूड ऑयल का घटने से न सिर्फ ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन में इजाफा देखने को मिल सकता है। बल्कि इससे पेंट और टायर कंपनियों की इनपुट लागत में कभी आने की उम्मीद है। यही कारण है कि निवेशकों की इन कंपनियों में आज दिलचस्पी बढ़ती देखी गई।

ब्रेंट क्रूड की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गईं हैं। पिछले चार दिन में इसमें 6% से अधिक की गिरावट आई है। साल 2021 के बाद पहली बार क्रूड ऑयल का भाव इस स्तर पर आया है। कई मार्केट एनालिस्ट्स को इसके चलते अपने पूर्वानुमानों में बदलाव करना पड़ा है। मॉर्गन स्टैनली ने बाकी साल के अपने ब्रेंट क्रूड के अनुमानों को घटा दिया है और कहा कि 2025 की दूसरी छमाही के दौरान इसका भाव 60 डॉलर के आसपास कारोबार करेगा।

क्रूड ऑयल का इस्तेमाल कई सेक्टर्स कच्चे माल के तौर पर होता है। ऐसे में इसकी गिरती कीमतें इन सेक्टर्स के लिए वरदान साबित हो सकती है। डाउनस्ट्रीम रिफाइनरी कंपनियों की इनपुट लागत घटेगी, जिससे उनका मुनाफा और मार्जिन बढ़ सकता है। इसके चलते चेन्नई पेट्रो, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के शेयरों में 2 से 10 फीसदी की तेजी आई।


इसी तरह, क्रूड ऑयल की कीमतों का पेंट इंडस्ट्री पर भी अहम असर पड़ता है। पेंट को बनाने में 300 से अधिक चीजें लगती हैं, जिनमें से अधिकतर पेट्रोलियम उत्पाद होते हैं। पेंट कंपनियों की इनपुट लागत में कच्चे माल की हिस्सा 55 से 60 प्रतिशत होता है। इसलिए कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पेंट कंपनियों के मार्जिन को सीधे प्रभावित करती हैं।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसी वस्तुओं के उत्पादन की लागत में भी कमी आती है, जो सफेद पेंट के लिए एक प्रमुख कंपोनेंट है। बर्जर पेंट्स, कंसाई नेरोलैक और एशियन पेंट्स जैसी पेंट कंपनियों के शेयरों में आज 2-4 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली।

सिंथेटिक रबर और टायर बनाने के लिए तमाम तरह के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का इस्तेमाल होता है। ऐसे में इन कंपनियों के लिए ब्रेंट क्रूड काफी अहम है। जैसे-जैसे कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, इन कच्चे माल की लागत कम होती जाती है, जिससे टायर कंपनियों के लिए उत्पादन लागत कम होती है। इनपुट लागत में यह कमी टायर निर्माताओं को प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाने में मदद करती है। इसके चलते आज जेके टायर के शेयर 0.33 फीसदी, MRF के शेयर 1 फीसदी, सीएट के शेयर 1.02 फीसदी और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज के शेयर 1.76 फीसदी तक उछल गए।

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