ऑल टाइम लो पर Ola Electric के शेयर, IPO प्राइस से 42% टूटा भाव, अब क्या करें निवेशक

Ola Electric Mobility Shares: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट जारी है। कंपनी के शेयर आज 25 जून को भी अपने अपने अब तक के सबसे निचले स्तर के करीब कारोबार करते देखे गए। शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर 0.62 फीसदी तक लुढ़ककर 43.25 रुपये के भाव पर आ गए, जो इसके 76 रुपये के IPO प्राइस से करीब 42 फीसदी की गिरावट को दिखाता है

अपडेटेड Jun 25, 2025 पर 2:44 PM
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Ola Electric Mobility Shares: ओला इलेक्ट्रिक के शेयर ने सोमवार 23 जून को NSE पर 43.16 रुपये का अपना ऑलटाइम लो छूआ था

Ola Electric Mobility Shares: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट जारी है। कंपनी के शेयर आज 25 जून को भी अपने अपने अब तक के सबसे निचले स्तर के करीब कारोबार करते देखे गए। शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर 0.62 फीसदी तक लुढ़ककर 43.25 रुपये के भाव पर आ गए, जो इसके 76 रुपये के IPO प्राइस से करीब 42 फीसदी की गिरावट को दिखाता है।

दो दिन पहले, सोमवार 23 जून को भी ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में एक ब्लॉक डील के बाद 6 फीसदी की तेज गिरावट आई थी। इस ब्लॉक डील में कंपनी की कुल इक्विटी का लगभग 0.8 हिस्से का लेनदेन हुआ, जिससे निवेशकों का भरोसा और डगमगा गया। इस ब्लॉक डील के बाद शेयर का भाव NSE पर 43.16 रुपये के स्तर तक गिर गया, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है।

कमजोर तिमाही प्रदर्शन से बिगड़ा सेंटिमेंट

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में हालिया गिरावट का सिलसिला कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजों के बाद शुरू किया। वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में कंपनी को ₹870 करोड़ का घाटा हुआ, जो पिछले साल की इसी तिमाही के ₹416 करोड़ के घाटे से दोगुना है। वहीं, कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 62 फीसदी घटकर 611 करोड़ रुपये पर आ गया, जिसका मुख्य कारण वाहन डिलीवरी में भारी गिरावट रहा। चौथी तिमाही में ओला ने केवल 51,375 यूनिट्स डिलीवर किए, जो इसके पिछले साल की इसी तिमाही में रहे 1.15 लाख यूनिट्स से काफी कम है।


मार्जिन पर जबरदस्त दबाव

मार्च तिमाही के दौरान कंपनी के ऑटो सेगमेंट का EBITDA मार्जिन -78.6% तक लुढ़क गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में -9.3% था। वहीं इसका कंसॉलिडेटेड EBITDA मार्जिन -101.4% हो गया, जिसका मुख्य कारण अधिक प्रोविजंस और कमजोर ऑपरेटिंग लेवरेज रहा।

उम्मीद की हल्की किरण

हालांकि इस सबसे कुछ अच्छे संकेत भी दिखे। कंपनी का ग्रॉस मार्जिन 19.2% तक सुधरा है। इसके पीछे बेहतर मोनेटाइजेशन स्ट्रैटजी और Gen-3 प्लेटफॉर्म वाले वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी मुख्य वजह रही। इस प्लेटफॉर्म पर बने वाहन, पुराने मॉडलों की तुलना में 20% अधिक पावर और रेंज देते हैं और लागत भी 11% कम होती है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने ओला इलेक्ट्रिक के तिमाही नतीजों के बाद इसके शेयर के लिए अपनी रेटिंग को "Reduce" से घटाकर "Sell" कर दिया। साथ ही ब्रोकरेज ने इसके टारगेट प्राइस में कटौती की और इसके भाव के 30 रुपये तक गिरने की आशंका जताई है। यह भाव इसके इसके IPO प्राइस से करीब 60% नीचे और लिस्टिंग के कुछ ही दिनों बाद छूए गए 157 रुपये के ऑलटाइम हाई से करीब 80% कम है।

कोटक ने अपने नोट में लिखा कि कंपनी का EBITDA घाटा उसके अनुमानों से कहीं ज्यादा था, जिसकी मुख्य वजह खराब डिलीवरी संख्या और वारंटी प्रोविजंस में बढ़ोतरी रही। ब्रोकरेज का मानना है कि आने वाले समय में भी कंपनी EBITDA घाटा जारी रह सकता है क्योंकि इसकी ब्रांड इक्विटी में गिरावट देखी जा रही है और कॉम्पिटीशन भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

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