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Ola Electric Shares: एक सर्टिफिकेट और 6% उछल गया शेयर, इस वजह से टूट पड़े निवेशक

Ola Electric Shares: इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) के शेयरों में आज जोरदार तेजी आई। यह तेजी कंपनी के एक ऐलान के चलते आई जिसमें कंपनी ने कहा कि इसके खास स्कूटर को पीएलआई सर्टिफिकेट मिल गया है। जानिए इस सर्टिफिकेट ने शेयरों को रॉकेट क्यों बना दिया?

अपडेटेड Aug 26, 2025 पर 4:16 PM
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Ola Electric Shares: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का कहना है कि ऑटो बिजनेस के ईबीआईटीडीए पॉजिटिव होने का लक्ष्य है और इसमें पीएलआई सर्टिफिकेट उत्प्रेरक काम करेगी।

Ola Electric Shares: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयर आज कमजोर मार्केट सेंटिमेंट में भी रॉकेट बन गए। कंपनी ने ऐलान किया है कि इसकी जेन 3 स्कूटर पोर्टफोलियो को पीएलआई (परफॉरमेंस लिंक्ड इंसेंटिव) सर्टिफिकेट मिला है। इस ऐलान पर निवेशक ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों की खरीदारी के लिए टूट पड़े और फटाक से यह 6% से अधिक उछल गया। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया जिससे भाव थोड़े नरम पड़े लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। आज बीएसई पर यह 4.51% की बढ़त के साथ ₹50.78 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 6.61% उछलकर ₹51.80 पर पहुंच गया था।

पीएलआई सर्टिफिकेट पर क्यों चहके Ola Electric के शेयर?

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने ऐलान किया है कि इसकी जेन 3 स्कूटर पोर्टफोलियो को पीएलआई सर्टिफिकेट मिल गया है। एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक यह सर्टिफिकेट इसकी सभी सात एस1 जेन 3 स्कूटर्स को मिला है। यह इसलिए अहम है क्योंकि इसकी ओला इलेक्ट्रिक के ओवरऑल वॉल्यूम में 56% हिस्सेदारी है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि पीएलआई सर्टिफिकेट मिलने पर अब कंपनी वर्ष 2028 तक की सेल्स वैल्यू पर 13-18% का इंसेटिंव हासिल कर सकेगी।


इसके साथ ही अब कंपनी की दोनों जेन 2 और जेन 3 स्कूटर पोर्टफोलियो पीएलआई योजना के तहत आ गए हैं। इससे निवेशक इसलिए लहालोट हैं क्योंकि अब आने वाली तिमाही से कंपनी का मुनाफा बढ़ सकता है। कंपनी का कहना है कि ऑटो बिजनेस के ईबीआईटीडीए पॉजिटिव होने का लक्ष्य है और इसमें पीएलआई सर्टिफिकेट उत्प्रेरक काम करेगी।

कैसी है सेहत?

ओला इलेक्ट्रिक के लिए चालू वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत खास नहीं रही। इस वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में सालाना आधार पर कंपनी का शुद्ध घाटा ₹347 करोड़ से बढ़कर ₹428 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी 49.6% घटकर ₹828 करोड़ पर आ गया। हालांकि कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष 2026 के दौरान अपने रेवेन्यू के ₹4,200-₹4700 करोड़ रहने का अनुमान जताया है। अगर ऐसा होता है तो कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ वित्त वर्ष 2025 की तुलना में पॉजिटिव हो सकती है। कंपनी ने अपने वॉल्यूम्स के 3.25 से 3.75 लाख यूनिट्स के करीब रहने का अनुमान जताया है, जिसमें उसका ग्रॉस मार्जिन 35% से 40% के बीच रह सकता है।

अब शेयरों की बात करें तो इसके ₹76 के शेयरों की घरेलू स्टॉक मार्केट में 9 अगस्त 2024 को एंट्री हुई थी। फ्लैट एंट्री के बाद लिस्टिंग के ही दिन यह ₹91.18 के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ। कुछ ही दिनों बाद 20 अगस्त 2024 को यह ₹157.53 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। इस रिकॉर्ड हाई से करीब 11 महीने में यह 74.87% फिसलकर पिछले महीने 14 जुलाई 2025 को ₹39.58 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया था।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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