Auto Stocks: आज के कारोबार में ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric), बजाज ऑटो (Bajaj Auto), हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp), हुंडई मोटर (Hyundai Motor), आयशर मोटर्स (Eicher Motors) और मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के शेयर 6% तक उछल गए। इन शेयरों की तेजी के दम पर ऑटो सेक्टर का निफ्टी इंडेक्स यानी निफ्टी ऑटो करीब डेढ़ फीसदी के करीब उछल गया। एक कारोबारी दिन पहले निफ्टी ऑटो 5% उछला था और इस तेजी की वजह जीएसटी में कटौती की संभावना थी। जीएसटी में कटौती से मांग को सपोर्ट मिल सकता है। अब आज चीन के एक आश्वासन पर यह उछल पड़ा। इस साल निफ्टी ऑटो इंडेक्स 11% से अधिक ऊपर चढ़ चुका है।
चीन से कैसा सहारा मिला Auto Stocks को?
सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के विदेश मंत्री मीटिंग्स के लिए इस समय भारत में हैं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई से जुड़ी जो चिंताएं हैं, उससे चीन निपटेगा। रेयर अर्थ मेटल्स ऑटो सेक्टर की कंपनियों के लिए अहम है और टनल बोरिंग मशीन के लिए भी। चीन का आश्वासन इसलिए अहम है क्योंकि वैश्विक उत्पादन और सप्लाई का करीब 90% हिस्सेदारी चीन के पास है।
कितनी दिक्कतें झेल रही हैं अभी कंपनियां?
रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई घटने के चलते आउटपुट को करारा झटका लगा है। बजाज ऑटो ने पिछले महीने जुलाई में अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया का उत्पादन करीब आधा कर दिया। बजाज ग्रुप की ऑटो यूनिट ने चेतावनी दी है कि इस महीने अगस्त और अगले महीने सितंबर में भी उत्पादन सीमित रह सकती है। हीरो मोटोकॉर्प ने भी जून 2025 तिमाही के अर्निंग्स कॉल में माना कि इसकी कमी पूरी इंडस्ट्री के लिए चुनौती है। हालांकि हीरो मोटोकॉर्प ने यह भी कहा कि उसने अपने आंतरिक दहन इंजन (ICE) यानी तेल से चलने वाली गाड़ियों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए दूसरी तिमाही तक पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित कर ली है। कंपनी का कहना है कि ईवी मोटर्स और इंजन, पहियों के सेंसर्स जैसे अहम पार्ट्स के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट काफी अहम है। कंपनी को फिलहाल तो दिक्कत नहीं है लेकिन लंबे समय के लिए यह विकल्पों की तलाश में है।
अब ईवी सेक्टर में देश की सबसे कंपनी टाटा मोटर्स की बात करें तो यह भी रेयर अर्थ मैग्नेट की किल्लत से परेशान है। इसके उत्पादन पर अभी असर तो नहीं पड़ा है। हालांकि कंपनी भविष्य के लिए सप्लाई को विकल्प देख रही है। अगर चीन से आश्वासन मिलता है और यह सही साबित होता है तो ऑटो सेक्टर की कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी चुनौतियों से राहत मिल सकती है। इसके अलावा जीएसटी दरों में कटौती होती है तो मांग में भी सुधार के आसार हैं।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।