एक्सपायरी के दिन बाजार का मूड खराब, Sensex 600 अंक तक टूटा, जानिए वजह?
खराब ग्लोबल संकेतों ने बाजार का मूड बिगाड़ दिया है। बाजार मे आज लगातार तीसरे दिन कमजोरी देखने को मिली है।
MoneyControl News | अपडेटेड Nov 11, 2021 पर 12:46 PM
खराब ग्लोबल संकेतों ने बाजार का मूड बिगाड़ दिया है। बाजार में आज लगातार तीसरे दिन कमजोरी देखने को मिली है। इंट्राडे में आज निफ्टी 100 प्वाइंट और सेसेंक्स 600 अंक से ज्यादा लुढ़क गया। बैंक ,आईटी और फार्मा शेयरों पर आज सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिल रहा है। निफ्टी आज 1 फीसदी से ज्यादा गिरकर 17830 के आसपास पहुंच गया।
आज के कारोबार में Sun Pharma, Infosys, HCL Tech, HDFC, Bajaj Finserv और TecH Mahindra csx 1 से 2.5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
अब सवाल यह है कि इस गिरावट की वजह क्या है? आइए इसका जबाव खोजने की कोशिश करते हैं।
Geojit Financial Services के वीके विजयकुमार का कहना है कि ग्लोबल बाजार में कम से कम शॉर्ट टर्म के लिए बढ़ती महंगाई एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इन्फ्लेशन अक्टूबर में सालाना आधार पर 6.2 फीसदी की बढ़त के साथ अपने 30 साल के हाई पर पहुंच गया है। इसी तरह कोर इन्फ्लेशन बढ़कर 4 फीसदी पर पहुंच गया है। यह आंकड़े अनुमान से काफी ज्यादा है।
उधर चाइना में प्रोड्युसर प्राइस इन्फ्लेशन बढ़कर 13.5 फीसदी पर पहुंच गया है। इसका असर ग्लोबल कमोडिटी की बढ़ती कीमतों के रुप में देखने को मिलेगा।
Associated Press की एक खबर के मुताबिक 66.5 फीसदी लोगों की यह राय है कि यूएस फेड जून के अंत तक अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। इसके सिर्फ 1 दिन पहले 50.9 फीसदी लोग इस बात से इत्तेफाक़ रखते थे। यूएस फेड ने इकोनॉमी और बाजार को कोरोना महामारी के झटके से उबारने के लिए मार्च 2020 से अपने ब्याज दरों को लगभग 0 फीसदी के रिकॉर्ड लो के आसपास बनाए रखा है।
इकोनॉमी को झटके से उभारने के लिए इसने एक बॉन्ड खरीद प्रोग्राम भी शुरु किया था जिसके तहत ब्याज दरों को निचले स्तर पर बनाए रखने के लिए यूएस फेड निश्चित मात्रा में बॉन्डों की खरीद करता था। अब इकोनॉमी में सुधार के साथ ही बॉन्ड प्रोगाम खरीद में कटौती की संभावना बढ़ रही है।
वीके विजयकुमार का कहना है कि आगे जोखिम की संभावना को देखते हुए 10-year बॉन्ड की यील्ड 1.57 फीसदी पर आ गई है। यूएस फेड का अभी भी मानना है कि महंगाई में उछाल की वजह सप्लाई से जुड़ी परेशानियां है। इसलिए यह एक अस्थाई समस्या है लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनका यह मनना है कि अंत में फेड को महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के साथ ही बॉन्ड खरीद प्रोगाम में कटौती करनी होगी। अगर इस तरह की स्थिति आती है तो दुनियाभर के बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। जिसको देखते हुए निवेशक चौकन्ने नजर आ रहे हैं।
Deen Dayal Investments के मनीष हाथीरमानी का कहना है कि टेक्निकली अगर निफ्टी 17700 और 18000 के नीचे फिसलता है तो इसमें नियरटर्म में और गिरावट देखने को मिल सकती है।