जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के शेयर बाजारों में हड़कंप का माहौल है। गुरुवार 24 अप्रैल को पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में भारी गिरावट देखने को मिली। कराची स्टॉक एक्सचेंज का सबसे प्रमुख इंडेक्स, KSE-100 इंडेक्स गुरुवार को कारोबार के दौरान 2,565 अंक या 2.2 फीसदी टूटकर 114,661.19 पर आ गया। यह गिरावट पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से की गई जबावी कूटनीतिक कार्रवाई के एक दिन बाद आई है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ दशकों पुराने सिंधु जल समझौते को रद्द करने का फैसला किया है। साथ ही पाकिस्तानी उच्चायोग में मौजूद सदस्यों की संख्या घटाने और पाकिस्तानी नागिरकों का SAARC वीजा रद्द करने का फैसला किया है। भारत ने अटारी बार्डर की जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। यह दोनों देशों के बीच इस समय इकलौता चालू बॉर्डर रास्ता था
इन कूटनीतिक कदमों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने की चेतावनी दी है। साथ ही इस हमले के दोषियों को कल्पना से भी अधिक कड़ी सजा देने की बात कही है।
चेस सिक्योरिटीज के रिसर्च डायरेक्टर यूसुफ एम फारूक ने पाकिस्तानी अखबार द डॉन को बताया, “निवेशक भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने को लेकर चिंतित हैं। इसके चलते पाकिस्तानी शेयर बाजार में गुरुवार को शुरुआत कारोबार से ही कमजोरी रही। हालांकि, कुछ कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों ने बाजार को आंशिक रूप से रिकवरी करने में मदद की है।”
अरिफ हबीब लिमिटेड की हेड ऑफ रिसर्च सना तौफीक ने बताया कि बाजार में नेगेटिव सेंटीमेंट का मुख्य कारण भारत-पाकिस्तान तनाव है। इसके अलावा इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की ओर से पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 2.6% करने और पाकिस्तानी रुपये के कमजोर होकर 285 प्रति डॉलर तक गिरने की चेतावनी से भी बाजार में कमजोरी देखने को मिल रही है।
FRIM वेंचर्स के चीफ इनवेस्टमें अधिकारी शाहबाज अशरफ ने 'द डॉन' को बताया कि बाजार शुरुआती गिरावट से कुछ हद तक उबर गया है, लेकिन निवेशक अब भी बेहद सतर्क हैं। उन्होंने कहा, “निवेशक दोनों देशों की ओर से आने वाले किसी भी और प्रतिक्रिया का अनुमान लगाकर फैसले ले रहे हैं।”
IMF ने अपनी ताजा रिपोर्ट में न सिर्फ मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 2.6% कर दिया है, बल्कि अगले साल के लिए भी इसे केवल 3.6% पर रखा है। साथ ही, महंगाई दर 5.1% से बढ़कर अगले वर्ष 7.7% तक पहुंचने की आशंका जताई है।
कुल मिलाकर भारत की सख्त कार्रवाई और कूटनीतिक दबाव के बीच, पाकिस्तानी शेयर बाजार में इस समय डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। अगर भारत की ओर से कोई और बड़ी कार्रवाई देखने को मिली, तो यह पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ा झटका दे सकती है।
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