स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स खबरों में हैं। इन स्टॉक्स में गिरावट की शुरुआत अक्सर किसी बड़े फंड मैनेजर, किसी सीनियर प्रोफेसर और किसी वैल्यूएशन एक्सपर्ट के बयान से होती है। यह ध्यान रखने वाली बात है कि ऐसे बयान और इन शेयरों में गिरावट के बीच कोई संबंध नहीं है। यह एक संयोग हो सकता है। लेकिन, इस वजह से मार्केट में घबराहट शुरू हो जाती है। स्टॉक मार्केट से जुड़ी खबरों और चर्चा की वजह से रिटेल इनवेस्टर डर जाता है। जब बाजार में गिरावट आती है, निवेशकों पर डर हावी हो जाता है।
पहले भी मार्केट में आ चुके हैं कई करेक्शन
डर बढ़ने के बाद बिकवाली बढ़ जाती है। इस तरह मार्केट में गिरावट (Market Fall) की एक साइकिल बन जाती है। निवेशकों को यह समझना चाहिए कि मार्केट में करेक्शन (Market Correction) पहली बार नहीं आया है। इससे पहले 2008, 2013 और 2018 में मार्केट में गिरावट आई थी। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में लॉर्जकैप के मुकाबले ज्यादा गिरावट आई थी। गिरावट की हर साइकिल में ऐसा होता है। 2023 की दूसरी छमाही से भी मिडकैप और स्मॉलकैप की बढ़ती वैल्यूएशन को लेकर चिंता शुरू हो गई थी।
इस बार गिरावट की शुरुआत लार्जकैप स्टॉक्स से
इस बार गिरावट की शुरुआत लार्जकैप स्टॉक्स से हुई है। 2024 के आखिर में लार्जकैप स्टॉक्स में शुरू गिरावट ने बाद में स्मॉलकैप और लार्जकैप स्टॉक्स को भी अपने जद में ले लिया। शॉर्ट टर्म में शेयरों की कीमतों पर फंडामेंटल्स और अर्निंग्स से ज्यादा सेंटिमेंट का असर पड़ता है। अगर शेयर की कीमतों में एकतरफा तेजी आई है तो उनमें गिरावट आनी तय है। सवाल है कि क्या आपको खुद पर डर हावी देना चाहिए या अपना निवेश बनाए रखना चाहिए या नए स्टॉक्स खरीदने चाहिए?
स्मॉलकैप स्टॉक्स में ज्यादा उतारचढ़ाव
आपको मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के ऐतिहासिक डेटा को समझने की जरूरत है। अगर आपने मंथली SIP के जरिए जनवरी 2007 में BSE Small Cap Index में निवेश शुरू किया होता। और आपने 2016 तक लगातार निवेश किया होता तो आपका सालाना रिटर्न करीब 5 फीसदी होता। अगर इसे एक साल आगे बढ़ाया दिया जाए तो पूरे पीरियड का सालाना रिटर्न बढ़कर करीब 9 फीसदी हो जाता है। इस डेटा से एक बड़ी चीज सीखने को मिलती है। स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेश में काफी उतारचढ़ाव का सामना करना पड़ता है।
एक साल में 50 फीसदी चढ़ा था स्मॉलकैप इंडेक्स
जनवरी 2007 से दिसंबर 2016 के बीच बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स का सालाना रिटर्न 5 फीसदी था। फिर, 2017 में यह सिर्फ एक साल में 50 फीसदी चढ़ा। इसका मतलब है कि अगर आप बहुत ज्यादा उतारचढ़ाव बर्दाश्त नहीं कर सकते या आप 10 साल से ज्यादा समय तक निवेश नहीं कर सकते तो आपको स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेश नहीं करना चाहिए। आपके पोर्टफोलियो में शामिल लार्जकैप स्टॉक्स फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स और गोल्ड स्मॉलकैप में आई गिरावट के वक्त आपके पोर्टफोलियो के नुकसान को कम करने में मदद करते हैं।
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अल्फा रिटर्न के लिए स्मॉलकैप में निवेश
फंड मैनेजर्स अल्फा रिटर्न देने के लिए इन्हीं स्मॉलकैप स्टॉक्स में से अच्छे शेयरों का चुनाव निवेश के लिए करते हैं। अगर आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के 10-15 साल के रिटर्न को देखते हैं तो आपको रिटर्न 12-22 फीसदी की रेंज में दिखेगा। यही वजह है कि कई इनवेस्टर्स और फंड मैनेजर्स अपने पोर्टफोलियो में स्मॉलकैप स्टॉक्स को शामिल करते हैं। एक और बात समझने की है कि चाहे स्मॉलकैप, मिडकैप या लॉर्जकैप हो रेगुलेर निवेश के लिए आपको SIP के रास्ते का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपका एसेट एलोकेशन सही है तो फिर आपके पोर्टपोलियो का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। अगर आपस घबाराट में स्टॉक्स बेचने जा रहे हैं तो लंबी अवधि में आप मोटी कमाई का मौका चूक जाएंगे।