अभी बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब पॉलिसी बाजार (Policybazaar) प्लेटफार्म के जरिए इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन का कारोबार करने वाली न्यू एज टेक कंपनी पीबी फिनटेक (PB Fintech) ने कहा था कि वह मुनाफे पर फोकस नहीं कर रही है। उसका फोकस तो ग्रोथ पर है। पीबी फिनटेक के बाद तमाम और न्यू एज टेक कंपनियों की तरफ से भी इसी तरह के बयान आए थे। लेकिन अब इन कंपनियों की वरीयता सूचि में मुनाफा पहले नंबर पर आ गया है।
लिस्टिंग के बाद की पिटाई के बाद बदला रुख
लिस्टिंग के बाद पब्लिक के रेडार पर कुछ समय रहने के बाद इन कंपनियों के रुख में साफ बदलाव देखने को मिल रहा है। इन कंपनियों की तरफ से उठाए जाने वाले कदमों, इनके मैनेजमेंट की कमेंट्री और ऑपरेटिंग परफार्मेंस से साफ पता चलता है कि अब मुनाफे में आना इनकी वरीयता सूचि में पहले नंबर पर आ गया है।
पब्लिक लिस्टिंग के बाद लाभ देने का दबाव
पेटीएम, ज़ोमैटो, पॉलिसीबाजार (Paytm, Zomato, Policybazaar) जैसी कंपनियां अपनी स्थापना के बाद से कभी भी लाभ में नहीं रही हैं। मुनाफे की कीमत पर ग्रोथ का पीछा करने के लिए उनकी आलोचना भी की गई है। ये सब तब तक ठीक था जब तक इनका मालिका हक किसी निजी हाथ में था और इनके लिए प्राइवेट इक्विटी निवेशकों से हाई वैल्यूएशन पर धन जुटाया गया था। लेकिन पब्लिक लिस्टिंग के बाद अब इन पर लाभ देने का दबाव पहले से काफी ज्यादा बढ़ गया है।
ज़ोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने कहा, "हमने एक खास रणनीति के तहत बेहतर यूनिट इकोनॉमिक्स के लिए लो क्वालिटी ग्रोथ के तरीके को चुना है। यह एक हाई क्वालिटी और हाई ग्रोथ वाली हमारी लंबी अवधि की कारोबारी रणनीति का हिस्सा है।"
ज़ोमैटो लागत में कटौती, अच्छी तरह काम न कर रही योजनाओं को बंद करने, पॉलिसी के बेहतर खुलासे जैसे तरीकों को भी अपना रही है। इसकी वजह से कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार भी आया है। दूसरी तिमाही में कंपनी के घाटे में काफी कमी आई है। इस अवधि में कंपनी के कॉन्ट्रीब्यूशन मार्जिन और कॉन्ट्रीब्यूशन प्रॉफिट में सुधार आया है। कंपनी मुनाफे पर फोकस करते हुए तमाम कैश बैक योजनाओं में कटौती करती दिखी है।
मुनाफे पर फोकस बढ़ने और इकोनॉमी में मजबूती के कारण ज़ोमैटो जैसी दूसरी कंपनियों के प्रदर्शन में भी सुधार देखने को मिला है। Nykaa अकेली ऐसी न्यू एज कंपनी है जो लिस्टिंग के पहले से ही मुनाफे में थी। लेकिन लिस्टिंग के बाद मुनाफे पर बढ़ते फोकस के चलते दूसरी तिमाही में कंपनी के मुनाफे में कई गुने की बढ़त हुई है।
आमतौर पर, नए जमाने की कंपनियां ग्रोथ के लिए मुनाफे का त्याग करने के लिए जानी जाती है, खासकर तब जब वे नए उद्यम शुरू कर रही हों। लेकिन नायका ने जाहिर तौर पर इससे थोड़ा अलग तरीका अपनाया है। हाल ही में शुरू हुए इसके फैशन वेंचर ने ग्रोथ की जगह मुनाफे पर ज्यादा फोकस करके एनलिस्टों को अचंभे में डाल दिया है।
हाल के वर्षों में कैपेक्स न्यू एज कंपनियों का मूलमंत्र रहा है। लेकिन अब कई नए जमाने की टेक कंपनियां अपने मुनाफे को बढ़ाने पर फोकस करते हुए अपनी निवेश योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने या उनमें कटौती करने की रणनीति पर काम कर रही हैं। PB Fintech के CEO यशीष दहिया ने हाल ही में कहा है कि “जब तक हम अपने बुक में एक अच्छा मुनाफा नहीं दर्ज कर लेते तब तक कोई नया निवेश नहीं करेंगे। हम वित्त वर्ष 2026-27 तक 1000 करोड़ रुपए के मुनाफे में आने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।”
इसका मतलब ये नहीं है कि इन कंपनियों ने नए उपक्रमों में निवेश करना बंद कर दिया है। बात बस इतनी सी है कि वे अब पैसा खर्च करने में पहले से कहीं ज्यादा समझदारी और सतर्कता दिखा रहे हैं।
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