Piramal Finance Share Price: नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (NBFC) पीरामल फाइनेंस के शेयरों की आज घरेलू स्टॉक मार्केट में करीब 12% प्रीमियम पर एंट्री हुई। इसके शेयर घरेलू मार्केट में बिना आईपीओ के लिस्ट हुए हैं। बता दें कि करीब डेढ़ महीना पहले इसकी पैरेंट एनबीएफसी पीरामल एंटरप्राइजेज के शेयरों का आखिरी बार बीएसई पर 22 सितंबर 2025 को हुआ था। इसके बाद इसकी पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडिरी पीरामल फाइनेंस के साथ विलय के बाद इसकी पीरामल फाइनेंस के रूप में फिर से घरेलू मार्केट में बीएसई पर ₹1270.00 पर एंट्री हुई। फिर यह ₹1333.45 के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद हुआ। 22 सितंबर 2025 को पीरामल एंटरप्राइजेज के शेयर ₹1124.60 पर बंद हुए थे और यही भाव पीरामल फाइनेंस के लिए निकाला गया यानी कि आज पीरामल फाइनेंस के शेयर इस डिस्कवर्ड प्राइस से करीब 12% प्रीमियम पर लिस्ट हुए हैं।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 10 सितंबर को पीरामल एंटरप्राइजेज और इसकी पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडिरी पीरामल फाइनेंस की विलय योजना को मंजूरी दी थी। पीरामल एंटरप्राइजेज ने इस मर्जर के लिए रिकॉर्ड डेट 23 सितंबर फिक्स किया। मर्जर की योजना के तहत पीरामल एंटरप्राइजेज के शेयरहोल्डर्स को हर शेयर पर पीरामल फाइनेंस का एक शेयर देना तय हुआ। इसके अलावा पीरामल एंटरप्राइजेज के सभी डेट सिक्योरिटीज भी पीरामल फाइनेंस के नाम कर दिए गए।
पीरामल फाइनेंस के चेयरमैन के तौर पर आनंद पीरामल को चुना गया और उनका कार्यकाल 16 सितंबर 2025 से प्रभावी है। कंपनी की कारोबारी सेहत को लेकर पीरामल फाइनेंस के सीएमडी जयराम श्रीधरन का कहना है कि ऑपरेटिंग एफिशिएंसी में सुधार और बेहतर होते कारोबार के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एआई के ऑप्टिमाइजेशन से कंपनी की मुनाफे वाली ग्रोथ के अगले चरण को मजबूती मिलेगी। श्रीधरन का कहना है कि एनबीएफसी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में 3% RoA (रिटर्न ऑन एसेट्स) हासिल करने का है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी में पांच साल तक काम करना बेहतरीन रही और उनके लिए यह पहली बार रहा, जब उन्होंने किसी एनबीएफसी और एक पारिवारिक कारोबार में काम किया।
Piramal Finance में किसकी कितनी हिस्सेदारी?
पीरामल फाइनेंस के शेयरहोल्डिंग पैटर्न का अभी खुलासा नहीं हुआ है लेकिन चूंकि पीरामल एंटरप्राइजेज के शेयरहोल्डर्स को 1:1 के रेश्यो में शेयर जारी हुए हैं तो जून 2025 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से इसमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 46.16% है। वहीं पब्लिक शेयरहोल्डर्स में बात करें तो इसमें 31 म्यूचुअल फंड्स की 8.16%, एलआईसी की 4.47% होल्डिंग समेत 8 बीमा कंपनियों की 4.80% और ₹2 लाख तक के निवेश वाले 2,36,723 खुदरा निवेशकों की 13.32% हिस्सेदारी है।