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Polycab India: आगे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद, लेकिन क्या अभी पॉलीकैब के स्टॉक्स में खरीदारी का मौका है?

दूसरी तिमाही में पॉलीकैब के रेवेन्यू में इंटरनेशनल बिजनेस की हिस्सेदारी बढ़ी है। तिमाही दर तिमाही आधार पर इस बिजनेस की रेवेन्यू ग्रोथ 36 फीसदी रही। इसमें मिडिलईस्ट और अफ्रीका में डिमांड में इजाफा का बड़ा हाथ है। कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती है

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 3:11 PM
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दूसरी तिमाही में ऑपरेटिंग मार्जिन में साल दर साल आधार पर 290 प्वाइंट्स की कमी आई है। इसकी वजह वायर और केबल सगेमेंट में कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतियोगिता है।

पॉलीकैप इंडिया के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे हैं। साल दर साल आधार पर कंपनी का रेवेन्यू 30 फीसदी बढ़ा है। कंपनी को सरकार के पूंजीगत खर्च बढ़ाने के साथ ही प्राइवेट सेक्टर में ज्यादा कैपिटल एक्सपेंडिचर का फायदा मिला है। उधर, रियल एस्टेट की अच्छी मांग का फायदा भी कंपनी को मिला है। हालांकि, ऑपरेटिंग मार्जिन में साल दर साल आधार पर 290 प्वाइंट्स की कमी आई है। इसकी वजह वायर और केबल सगेमेंट में कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतियोगिता है।

वायर एंड केबल्स सेगमेंट की रेवेन्यू ग्रोथ 27 फीसदी

Polycab India के ऑपरेटिंग मार्जिन पर ज्यादा एंप्लॉयीज कॉस्ट और अनफेवरेबल प्रोडक्ट मिक्स का भी असर दिखा। कंपनी के लिए वायर्स एंड केबल्स (W&C) सबसे बड़ा सेगमेंट है। दूसरी तिमाही में कुल रेवेन्यू में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी 83 फीसदी रही। इसमें रेवेन्यू ग्रोथ 27 फीसदी रही। यह Havells जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों जितनी है। घरेलू मार्केट में कंपनी के इंस्टीट्यूशनल बिजनेस का प्रदर्शन डिस्ट्रिब्यूशन बिजनेस के मुकाबले बेहतर रहा। वायर्स की वॉल्यूम ग्रोथ 20 फीसदी रही, जबकि केबल्स की वॉल्यूम ग्रोथ 15-16 फीसदी रही।


विदेश में कंपनी नए मार्केट्स की एंट्री की तैयारी में

दूसरी तिमाही में पॉलीकैब के रेवेन्यू में इंटरनेशनल बिजनेस की हिस्सेदारी बढ़ी है। तिमाही दर तिमाही आधार पर इस बिजनेस की रेवेन्यू ग्रोथ 36 फीसदी रही। इसमें मिडिलईस्ट और अफ्रीका में डिमांड में इजाफा का बड़ा हाथ है। कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती है। इसके लिए वह नए मार्केट्स में एंट्री के मौके तलाश रही है। कंपनी पर वायर एंड केबल्स सेगमेंट में बढ़ती प्रतियोगिता के बीच अपनी स्ट्रॉन्ग ग्रोथ जारी रखने का चैलेंज है।

इनकम टैक्स के सर्च ऑपरेशन का असर शेयरों पर पड़ा था

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2023 के अंतिम दो हफ्तों में कंपनी के ऑफिसेज और फैक्ट्री लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन किया था। उसके बाद शेयरों में काफी उतारचढ़ाव दिखा था। जनवरी में इस बारे में ऑफिशियल रिलीज जारी होने के बाद यह स्टॉक 20 फीसदी से ज्यादा गिर गया था। रिलीज में कहा गया था कि आईटी डिपार्टमेंट को कुछ सबूत मिले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि वायर एंड केबल्स मैन्युफैक्चरिंग और उसके डिस्ट्रिब्यूशन में टैक्स की चोरी हुई है। उसने यह भी कहा था कि सर्च ऑपरेशन के दौरान 1,000 करोड़ रुपये के बेहिसाब कैश सेल्स का पता चला है।

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क्या अभी निवेश करना चाहिए?

कंपनी ने कई कैटेगरी में अपना प्रदर्शन अच्छा बनाए रखा है। कंपनी भविष्य में आने वाले मौकों का फायदा उठाने की अच्छी स्थिति में है। इसका फोकस ऑपरेशन को और बेहतर बनाने पर है। इस स्टॉक में FY26 के अनुमानित अर्निंग्स के 50 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इससे इस स्टॉक की रिरेटिंग की उम्मीद नहीं दिखती। अभी इस स्टॉक का वैल्यूएशन ठीक लग रहा है। निवेशक अगर इस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं तो इसमें गिरावट आने पर खरीदारी कर सकते हैं।

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