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FIIs ने अक्टूबर में 83000 करोड़ रुपये की बिकवाली की, क्या इसका कनेक्शन चाइनीज स्टॉक मार्केट्स से है?

FIIs ने इससे पहले इंडियन मार्केट में एक महीने में कभी इतनी ज्यादा बिकवाली नहीं की थी। हालांकि, उनकी बिकवाली का ज्यादा असर मार्केट्स पर नहीं पड़ा, क्योंकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बड़ी खरीदारी कर बाजार को गिरने से बचाया

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 1:52 PM
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इंडियन स्टॉक्स मार्केट में पिछले हफ्तों में बड़ी गिरावट है। निफ्टी 27 सितंबर को 26,178 प्वाइंट्स था, जो गिरकर 21 अक्टूबर को 24,754 प्वाइंट्स पर आ गया। यह 1427 प्वाइंट्स यानी 5.4 फीसदी की गिरावट है।

विदेशी निवेशकों (एफआईआई) के निवेश के लिहाज से अक्टूबर का महीना बहुत खराब रहा है। इस महीने उन्होंने इंडियन मार्केट्स में 83,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बिकवाली की है। यह किसी एक महीने में उनकी सबसे ज्यादा बिकवाली है। इससे पहले उन्होंने मार्च 2020 में 58,632 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। तब कोविड की महामारी शुरू हुई थी, जिससे दुनियाभर के बाजारों में कोहराम मचा था। अक्टूबर में विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर पड़ा है। इंडियन स्टॉक्स मार्केट में पिछले हफ्तों में बड़ी गिरावट है। निफ्टी 27 सितंबर को 26,178 प्वाइंट्स था, जो गिरकर 21 अक्टूबर को 24,754 प्वाइंट्स पर आ गया। यह 1427 प्वाइंट्स यानी 5.4 फीसदी की गिरावट है।

DII ने इंडियन मार्केट को क्रैश करने से बचाया

घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) और रिटेल इनवेस्टर्स ने इंडियन मार्केट्स पर भरोसा बनाए रखा है। FIIs की बिकवाली के बीच उन्होंने खरीदारी कर बाजार को सहारा दिया है। इससे माार्केट में बड़ी गिरावट नहीं आई है। अक्टूबर में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 74,200 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। यह जानकारी NSDL के डेटा पर आधारित है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि DIIS और रिटेल इनवेस्टर्स की खरीदारी पहले कभी इतनी ज्यादा नहीं थी। इसलिए पहले विदेशी निवेशकों के ज्यादा बिकवाली करने पर इंडियन मार्केट क्रैश कर जाता था। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हुआ। FIIs की रिकॉर्ड बिकवाली के बावजूद निफ्टी में 5 फीसदी से थोड़ी ज्यादा गिरावट आई है।


रिटेल इनवेस्टर्स बगैर किसी डर से इंडियन मार्केट में कर रहे निवेश

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन मार्केट को गिरने से बचाने में रिटेल इनवेस्टर्स का बड़ा हाथ है। वे सिप के रास्ते म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में काफी निवेश कर रहे हैं। फिर म्यूचुअल फंड्स इस पैसे का निवेश स्टॉक्स मार्केट्स में कर रहे हैं। हर महीने सिप के रास्ते होने वाला निवेश 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। रिटेल इनवेस्टर्स मार्केट में सीधे भी निवेश कर रहे हैं। खास बात यह ही कि इस बार विदेशी फंडों की बिकवाली के बावजूद उनमें किसी तरह का डर नहीं दिख रहा है। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि लगातार चढ़ने के बाद इंडियन मार्केट मे करेक्शन किसी न किसी समय आना था। मीडियम और लॉन्ग टर्म में इंडियन मार्केट के बेहतर प्रदर्शन को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है।

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इंडियन मार्केट में बिकवाली का चीन कनेक्शन

अक्टूबर में विदेशी निवेशकों के इंडियन मार्केट्स में बिकवाली की बड़ी वजह चीन में उनके निवेश को माना जा रहा है। सितंबर में चीन के मार्केट्स में अप्रत्याशित तेजी आई थी। प्रमुख सूचकांक 23-24 फीसदी तक चढ़ गए थे। इसकी वजह चीन में इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक के उपायों का ऐलान था। चूंकि चीन के स्टॉक मार्केट्स में पिछले कई सालों से कमजोरी है, जिससे वहां वैल्यूएशन काफी कम है। इस वैल्यूएशन पर विदेशी निवेशकों को निवेश करना फायदेमंद दिख रहा है। विदेशी निवेशकों को चीन के स्टॉक्स मार्केट का प्रदर्शन आगे बेहतर रहने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि चीन की सरकार और केंद्रीय बैंक इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए लगातार उपायों का ऐलान कर रहे हैं।

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