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End of an era: प्रशांत जैन के फंडों ने लाखों इनवेस्टर्स को बनाया है करोड़पति, जानिए उनके इनवेस्टिंग स्टाइल के बारे में

जैन के करियर की खास बात यह रही उन्होंने हमेशा अपने फैसलों पर भरोसा किया। कई बार उनके फैसले दूसरे फंड मैनेजर्स की सोच से अलग होते थे। उनका जोर हमेशा लॉन्ग टर्म इनवेस्टिंग पर रहा

अपडेटेड Jul 22, 2022 पर 9:54 PM
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जैन एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के बतौर चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर 20 जुलाई तक तीन स्कीमों का प्रबंधन कर रहे थे। इनका कुल एयूएम करीब 90,000 करोड़ रुपये है।

प्रशांत जैन (Prashant Jain) ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 31 साल बिताने के बाद इस्तीफा दे दिया है। उनका नाम दुनिया में सबसे लंबे समय तक फंड मैनेजर रह चुके लोगों में शामिल है। उन्होंने 1991 में करियर शुरू करने के बाद अपनी पहचान 'वेल्थ क्रिएटर' (Wealth Creator) के रूप में बनाई थी। वह 'वैल्यू इनवेस्टिंग' (Value Investing) में भरोसा करते हैं।

जैन के करियर की खास बात यह रही उन्होंने हमेशा अपने फैसलों पर भरोसा किया। कई बार उनके फैसले दूसरे फंड मैनेजर्स की सोच से अलग होते थे। उनका जोर हमेशा लॉन्ग टर्म इनवेस्टिंग पर रहा। उन्होंने अपने फंडों के प्रबंधन में भी इस सोच के आधार पर फैसले लिए।

जैन ने 1991 में SBI Caps में तब अपना करियर शुरू किया जब देश में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया शुरू हो रही थी। यह इंडियन स्टॉक मार्केट के लिए शानदार वक्त था। हालांकि, 1992 में हर्षद मेहता घोटाले के बाद शेयर बाजार को बहुत नुकसान पहुंचा। इससे जैन ने बड़ा सबक लिया। वह समझ गए कि अगर इनवेस्टमेंट में अंडरलाइंग वैल्यू गायब है तो फिर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।


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1993 में जैन ने एसबीआई एमएफ को छोड़ने के बाद 20th Century Mutual Fund में नौकरी शुरू की। उन्होंने जनवरी 1994 में Centurion Prudence Fund लॉन्च किया। बाद में यह HDFC Prudence Fund बन गया। अभी इसका नाम HDFC Balanced Advantage Fund है। बतौर फंड मैनेजर 27 साल बिताने के साथ वह दुनिया में सबसे लंबे समय तक फंड मैनेजर रहने वाले लोगों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं।

1997 में इंटरनेट का विस्तार शुरू हुआ। लोगों के बीच कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ने लगा। इससे दुनिया भर में आईटी शेयरों में उछाल आया। इंडिया के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में आईटी कंपनियों की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी, लेकिन देश की जीडीपी में उनका योगदान सिर्फ 1 फीसदी था। इस बदलाव को समझने वाले कुछ लोगों में जैन भी शामिल थे।

हालांकि, 1999 के आखिर में उन्होंने ज्यादातर आईटी शेयरों में निवेश खत्म कर दिया। इसकी जगह उन्होंने एफएमसीजी औरर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे डिफेंसिव शेयरों में निवेश करना शुरू किया। फिर, केतन पारेख घोटाले के बाद 2000 की शुरुआत में आईटी का बुलबुला फटा तो जैन सही साबित हुए। उनके फंड्स को छोड़ दूसरे फंडों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा।

1999 में Zurich India Mutual Fund ने 20th Century MF को खरीद लिया। जैन इसके चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर बन गए। उन्होंने निवेश के ऐसे फैसले लिए जो बाद में सही साबित हुए। कुछ लोगों का कहना है कि शानदार रिटर्न वाले शेयरों की पहचान के जैन के हुनर को देखते हुए HDFC Mutual Fund ने 2003 की शुरुआत में Zurich India Mutual Fund को खरीदने का फैसला किया।

आउटलुक एशिया कैपिटल के फाउंडर मनोज नागपाल बताते हैं कि 2003-04 में ज्यादातर डिस्ट्रिब्यूटर्स क्लाइंट्स के पैसे का 30-40 फीसदी हिस्सा एचडीएफसी इक्विटी और एचडीएफसी टॉप 200 फंडों में करते थे। अब एचडीएफसी इक्विटा का नाम एचडीएफसी फ्लेक्सीकैप फंड हो गया है। एचडीएफसी टॉप 200 का नाम एचडीएफसी टॉप 100 हो गया है।

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जैन एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के बतौर चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर 20 जुलाई तक तीन स्कीमों का प्रबंधन कर रहे थे। इनका कुल एयूएम करीब 90,000 करोड़ रुपये है। यह म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के इक्विटी एसेट का करीब 4.5 फीसदी है। इन तीनों फंडों ने बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न दिए हैं। खास बात यह है कि अच्छे-खराब सभी तरह के समय में इन फंडों का प्रदर्शन अच्छा रहा।

एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवान्टेज फंड इंडिया की तीसरी सबसे बड़ी स्कीम है। पिछले एक साल में इसने 10.81 फीसदी रिटर्न दिया है, जो अल्फा रिटर्न है। पिछले 10 साल में इस फंड का प्रदर्शन प्रतिद्वंद्वी फंडों के मुकाबले शानदार रहा है। यह इंडिया का एकमात्र हाइब्रिड फंड है, जिसमें डेट और इक्विटी पोर्शन का प्रबंधन एक ही फंड मैनेजर करता है।

balanced fund

HDFC Flexi Cap Fund ने प्रतिद्वंदी फंडों के मुकाबले अलग-अलग टाइम फ्रेम में बहुत ज्यादा रिटर्न दिया है। पहले इस फंड का नाम HDFC Equit Fund था। यह फंड Zurich India का है, जो कंपनी के अधिग्रहण के बाद एचडीएफसी एएमसी के पास आ गया।

flexicap fund

HDFC Top 100 Fund लार्ज कैप फंड है। जैन के प्रबंधन वाले फंडों में यह सबसे मशहूर फंड है। पहले इसका नाम HDFC Top 200 था। आज भी इनवेस्टर्स के बीच यह फंड बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। इसका एयूएम 20,542 करोड़ रुपये है।

large cap fund

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