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PSU स्टॉक्स में तेजी, अब विनिवेश पर आगे बढ़ सकती है सरकार, चुनावी साल में बढ़े खर्च की भरपाई में मिलेगी मदद

सरकारी कंपनियों के शेयर (PSU Stocks) हालिया तेजी के बाद फिर से सुर्खियों में हैं। विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) का कहना है कि इस तेजी से सरकार पर 2023 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विनिवेश के लिए दबाव बढ़ सकता है

अपडेटेड Sep 19, 2023 पर 5:50 PM
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जेफरीज ने कहा कि चुनावी साल में खर्चों को कम करना मुश्किल होगा

सरकारी कंपनियों के शेयर (PSU Stocks) हालिया तेजी के बाद फिर से सुर्खियों में हैं। विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) का कहना है कि इस तेजी से सरकार पर 2023 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विनिवेश के लिए दबाव बढ़ सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने एक नोट में कहा, "इस अहम चुनावी कैलेंडर के चलते सरकार पर सोशल स्कीमों पर खर्च को बढ़ाना देने के लिए बढ़ सकता है। इसमें किसानों को ट्रांसफर किए जाने वाले पैसे, हेल्थ इंश्योरेंस को बढ़ावा और होम लोन पर इंटरेस्ट सब्सिडी आदि शामिल हैं। बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए निकट अवधि में विनिवेश की संभावना बढ़ जाती है, खासकर यह देखते हुए कि PSU शेयरों में हाल में तेजी आई है।"

S&P BSE PSU इंडेक्स में इस साल की शुरुआत से अब तक (YTD) करीब 25 प्रतिशत की तेजी आई है। इसकी अगुआई मझगांव डॉक (186 प्रतिशत ऊपर), रेल विकास निगम (149 प्रतिशत ऊपर), और इरकॉन इंटरनेशनल (144 प्रतिशत ऊपर) जैसे शेयरों ने की है।

डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन एंड एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में अब तक सरकार ने विनिवेश से करीब 5,600 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कोल इंडिया, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, रेल विकास निगम में अतिरिक्त हिस्सेदारी को ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के जरिए बेचने से सरकार को यह रकम जुटाने में मदद मिली है।


जेफरीज ने कहा कि चुनावी साल में खर्चों को कम करना मुश्किल होगा। ऐसे में धीमी नॉमिनल जीडीपी और बढ़ती तेल की कीमतें टैक्स रेवेन्यू में आए उछाल को सीमित कर सकती हैं। जेफरीज ने कहा, "इस साल की शुरुआत से अब तक फिस्कल प्रदर्शन कमजोर है। अप्रैल-जून की अवधि में टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 3 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि वित्त वर्ष 24 के लिए बजटीय लक्ष्य 10 प्रतिशत है।"

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इसके अलावा, कई राज्यों में मुफ्त दी जाने सुविधाएं पहले ही लागू की जा चुकी हैं और 2024 के चुनावों से पहले सरकारी कल्याण योजनाओं का और विस्तार राजकोषीय संभावनाओं को सीमित कर सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के चुनावों से पहले कुछ सरकार जिन संभावित कदमों को उठा सकती है, उसमें रबी फसल की कीमतों में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी, हेल्थ बीमा इंश्योरेंस का विस्तार, PM-किसान स्कीम के तहत अधिक ट्रांसफर और महिलाओं के ध्यान में रखकर किए जाने वाले उपाय शामिल हो सकते हैं।

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