इस शेयर में लगातार दूसरे दिन अपर सर्किट, Q2FY25 नतीजों के बाद हो रही है खरीदारी

जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 72.66 फीसदी बढ़कर ₹270.51 करोड़ हो गया, जो कि Q2FY24 में ₹156.68 करोड़ था। सितंबह तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट (PAT) वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 26.79 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछली तिमाही में 22.73 करोड़ रुपये था

अपडेटेड Nov 12, 2024 पर 3:59 PM
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माइक्रो-कैप कंपनी गुजरात टूलरूम के शेयरों में आज 12 नवंबर को लगातार दूसरे दिन अपर सर्किट लग गया।

माइक्रो-कैप कंपनी गुजरात टूलरूम के शेयरों में आज 12 नवंबर को लगातार दूसरे दिन अपर सर्किट लग गया। कंपनी के शेयर 1.93 फीसदी की मजबूत तेजी के साथ BSE पर 12.16 रुपये के भाव पर बंद हुए है। दरअसल, कंपनी ने FY25 की दूसरी तिमाही में मजबूत नतीजे जारी किए हैं। यही वजह है कि कंपनी के शेयरों में आज खरीदारी हो रही है। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 194.73 करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 45.97 रुपये और 52-वीक लो 10.75 रुपये है।

कैसे रहे तिमाही नतीजे

जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 72.66 फीसदी बढ़कर ₹270.51 करोड़ हो गया, जो कि Q2FY24 में ₹156.68 करोड़ था। राजस्व में लगातार बढ़ोतरी गुजरात टूलरूम लिमिटेड के मजबूत बिजनेस मॉडल और बाजार के अवसरों को भुनाने की इसकी क्षमता को दिखाती है।


सितंबह तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट (PAT) वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 26.79 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछली तिमाही में 22.73 करोड़ रुपये था। इसमें तिमाही आधार पर 17.85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 2.40 करोड़ रुपये की तुलना में कंपनी का नेट प्रॉफिट 1016 फीसदी बढ़ा है।

कंपनी का बिजनेस और शेयरहोल्डिंग पैटर्न

अहमदाबाद स्थित गुजरात टूलरूम इंडस्ट्रियल मशीनों और इक्विपमेंट्स बनाने और असेंबल करने का काम करती है। गुजरात टूलरूम ने साल 1991 में अपने कारोबार की शुरुआत की थी। यह कंपनी माइन्स, मिनरल्स और इससे जुड़े दूसरी गतिविधियों के विकास और संचालन के कारोबार में है। फिलहाल यह माइनिंग सेवाएं मुहैया करा रही है और इसका मैनेजमेंट अन्य कारोबारी मौकों पर काम कर रहा है।

अक्टूबर 2024 तक गुजरात टूलरूम लिमिटेड के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से पता चलता है कि प्रमोटरों के पास कोई हिस्सेदारी नहीं है, जबकि फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के पास इसमें 27.15 फीसदी हिस्सेदारी है। डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स और खुदरा निवेशकों के पास 0.10 फीसदी और 72.75 फीसदी हिस्सेदारी है।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है

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