अडानी ग्रुप के शेयरों में घटाई हिस्सेदारी, हिंडनबर्ग रिपोर्ट से बैंकों पर कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं: संदीप टंडन

क्वांटम को बैंकिंग सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके नजर आ रहे हैं। ऐसे में कंपनी ने हाल ही में हुई बिकवाली से मिले पैसे को बैंकिंग सेक्टर में लगाया है। भारत में दुनिया के दूसरी इकोनॉमी की तुलना में लिक्विडी में कमी आती दिख रही है

अपडेटेड Feb 04, 2023 पर 10:25 AM
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संदीप टंडन ने ये भी कहा कि उनका फंड आंकड़ों पर आधारित है। वे किसी स्टॉक या सेक्टर के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का समर्थन नहीं करते

क्वांट म्युचुअल फंड (Quant Mutual Fund) के फाउंडर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफीसर संदीप टंडन (Sandeep Tandon) ने शुक्रवार को सीएनबीसी-आवाज के साथ एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि क्वांट म्युचुअल फंड ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अमेरिकन शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक सनसनी खेज रिपोर्ट के कारण बिकवाली शुरू होने के दौरान अपना एक्सपोजर (निवेश) कम कर दिया है। बता दें कि हिंडनबर्ग की तरफ से पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट में खड़े किए गए सवाल के बाद अडानी ग्रुप के शेयर गोता लगाते नजर आए हां। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज और दूसरी ग्रुप कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिर गए हैं।

इस रिपोर्ट के बाद फैली अफरातफरी के बीच कंपनी को अपना 20000 करोड़ रुपये का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (FPO) भी वापस लेना पड़ा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी ग्रुप पर भारी कर्ज है। उसके शेयर ओवरवैल्यूड है। इस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड करने और स्टॉक मैनीपुलेशन करने का भी आरोप लगाया है।

जनवरी के अंत तक बाजार के जोखिम उठाने की क्षमता कम होती दिखी


इस, इंटरव्यू में संदीप टंडन ने आगे कहा कि जनवरी के अंत तक बाजार के जोखिम उठाने की क्षमता कम होती दिखी है। भारत में दुनिया के दूसरी इकोनॉमी की तुलना में लिक्विडी में कमी आती दिख रही है। जिसको ध्यान में रखते हुए उनकी कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो की रीबैलेंसिंग की है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी की तरफ से जारी किए गए मंथली एनालिटिक्स नोट में साफ तौर पर कहा गया है कि भारत में अब तक क्या बदलाव हुए हैं जिनके आधार पर हमने अपना पोर्टफोलियो रीबैलेंस किया है। अगर आप इसको हमारे एनएवी के साथ जोड़कर देखें तो स्थितियां एकदम साफ हो जाएंगी।

संदीप टंडन ने ये भी कहा कि उनका फंड आंकड़ों पर आधारित है। वे किसी स्टॉक या सेक्टर के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का समर्थन नहीं करते। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि हम किसी शेयर या सेक्टर या किसी बड़े ग्रुप के नाम या उसके साथ भावानात्मक रूप लगाव के कारण निवेश नहीं करते। बल्कि जिन कंपनियों में वास्तविक ग्रोथ और वेल्थ क्रिएशन की क्षमता होती है, जिनका कैश फ्लो अच्छा होता है। उसी पर दांव लगाते हैं।

अंबुजा सीमेंट में बने अच्छे पैसे

अंबुजा सीमेंट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि अंबुजा सीमेंट इस समय अडानी ग्रुप की कंपनी है, लेकिन उनकी कंपनी ने इसमें उस समय पैसे लगाए थे जब यह अडानी ग्रुप की कंपनी नहीं थी। जब कंपनी ने इस पर पैसे लगाए थे तो ये स्टॉक 282 रुपये के आसापास चल रहा था। अब तक इसमें काफी अच्छी कमाई हुई है। उसके बाद इसमें क्वांटम की तरफ से बिकवाली भी की गई है। अगर जनवरी-दिसंबर के पोर्टफोलियो पर नजर डालें तो इस अवधि में कंपनी ने तुलनात्मक रूप से अंबुजा सीमेंट पर ज्यादा बिकवाली की है।

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अडानी एंटरप्राइज ने भी की बिकवाली, बैंक शेयरों पर लगाया दांव

उन्होंने ये भी बताया कि अक्टूबर 2022 मं क्वांटम ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइज ने भी बिकवाली की थी। उन्होंने ये भी कहा कि उनको ऐसा नहीं लगता कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद आई भारी बिकावाली के चलते इस समय अडानी ग्रुप में शेयरों में खरादरी का अच्छा मौका है। अभी इस मुद्दे पर स्थितियां बहुत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय क्वांटम को बैंकिंग सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके नजर आ रहे हैं। ऐसे में कंपनी ने हाल ही में हुई बिकवाली से मिले पैसे को बैंकिंग सेक्टर में लगाया है।

बाजार में घबराहट है लेकिन डरने की जरूरत नहीं

संदीप ने आगे कहा कि बाजार में घबराहट है लेकिन डरने की जरूरत नहीं है। हिंडनबर्ग विवाद का फंडामेंटल डैमेज सामने आने में समय लगेगा। लेकिन चार में दिन में सब ठीक हो जाएगा ये कहना मुश्किल है। अदानी ग्रुप से पैसे निकालकर दूसरी जगह लगाया है। अदानी ग्रुप विवाद के कारण जहां गिरावट आई है वहां निवेश का मौका दिख रहा है। बैंकिंग में अदानी शेयरों की वजह से गिरावट आई है। ऐसे में क्वांटम ने प्राइवेट बैंकों में मिले मौके का फायदा उठाया है। अंबुजा अब भी क्वांटम के पोर्टफोलियो में मुनाफे में है।

बैंकिंग शेयरों में डर का माहौल बेवजह

उन्होंने कहा कह कि हर संकट में कोई मौका जरूर मिलता है। बैंकिंग शेयरों में डर का माहौल बेवजह था। मार्केट में भावनात्मक लगाव की जरूरत नहीं होती। जहां मौके मिलें फायदा उठाने की कोशिश होनी चाहिए। क्वांटम ने ऐसा ही करते हुए बैंकों पर दांव लगाया है। कई लोग बाजार में अपना नैरेटिव चलाते रहते हैं। इससे प्रभावित होने की जरूरत नहीं है।अदानी ग्रुप की वजह से बैंकों में अच्छे मौके मिले हैं।

 

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