स्टॉक मार्केट में हालिया गिरावट से आप परेशान हैं? आपको दिग्गज निवेशक और Motilal Oswal Financial Services के को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agarwal) की बात पर गौर करना चाहिए। अग्रवाल ने कहा है कि इंडियन मार्केट्स अगले पांच साल में दोगुना और 10 साल में चार गुना हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंडिया अभी एक अलग साइकिल में है, जिसमें हम कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन देख रहे हैं। इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में कंपनियों की कमाई उम्मीद से ज्यादा रही है। अर्निंग्स 32 फीसदी बढ़ी है, जबकि अनुमान 26 फीसदी था। इस साल 15 सितंबर को BSE Sensex 67,927 प्वाइंट्स की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। निफ्टी ने 20,222 का हाई बनाया था। लेकिन, उसके बाद अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में उछाल और इजराइल-हमास लड़ाई की वजह से स्टॉक मार्केट्स गिर गए हैं। सेंसेक्स और निफ्टी तब से 6 फीसदी गिर चुके हैं।
कुल सेविंग्स करीब 10-12 ट्रिलियन डॉलर
अग्रवाल ने कहा कि इनवेस्टर्स की नजरें आने वाली तिमाहियों में नेट प्रॉफिट ग्रोथ पर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया में निवेशकों को शेयरों में निवेश से जबर्दस्त फायदा होगा। इसकी वजह यह है कि भारतीय लोग सेविंग्स पर फोकस करते हैं। बड़ी संख्या में लोग डीमैट अकाउंट्स ओपन कर रहे हैं। इंडिया में कुल सेविंग्स करीब 10-12 ट्रिलियन डॉलर है। 25 साल में बढ़कर यह 100-150 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। इस तरह मार्केट्स सेविंग्स के सुनामी पर बैठा है। अगर हर महीने 30 लाख डीमैट अकाउंट्स ओपन हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि शेयरों के लिए बहुत अच्छा संभावना है।
ग्लोबल इंवेंट्स पर हमारा नियंत्रण नहीं
स्टॉक मार्केट्स का कई दशकों का अनुभव रखने वाले अग्रवाल का मानना है कि हर मार्केट को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासकर बड़े मार्केट्स को। निवेशकों का नियंत्रण दुनिया में घटने वाली घटनाओं पर नहीं है। इजराइल-हमास इसका एक उदाहरण है। लेकिन, अर्निग्स ग्रोथ पर हमारा कंट्रोल है। हम 90 फीसदी समय कॉर्पोरेट अर्निंग्स को देखते हैं, जबकि ग्लोबल फैक्टर्स को सिर्फ 10 फीसदी। इसलिए मेरा फोकस हमेशा इस बात पर होता है कि कंपनी कितना प्रॉफिट कमा रही है और कमाई के अनुमान क्या हैं।
हर मार्केट्स के सामने होती हैं चुनौतियां
स्टॉक्स में निवेश की चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा चैलेंज सही प्राइस पर कंपनी की तलाश करनी है। इंडिया एक ऐसा मार्केट है, जिसे काफी एक्सप्लोर किया जा चुका है। मेरी चिंता शेयरों को सही वैल्यएशन पर खरीदने से जुड़ी हैं। यील्ड में उछाल के बावजूद अग्रवाल का कहना है कि अमेरिकी बाजार में प्रॉफिट को साफ तौर पर देखा जा सकता है।