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Budget के बाद अब कहां हैं निवेश के बेहतर मौके? Raamdeo Agrawal से समझिए आगे की स्ट्रेटेजी

Budget 2025: रामदेव अग्रवाल का मानना ​​है कि सरकार के फैसले से खपत को बढ़ावा मिलने और कैपिटल मार्केट्स को लाभ होने की सबसे अधिक संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तुरंत आकलन करना मुश्किल है कि बजट 2025 में बदलाव से होने वाली टैक्स सेविंग कहां खर्च होगी

अपडेटेड Feb 02, 2025 पर 11:06 PM
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Budget 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी।

Budget 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी। सरकार ने नई टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स छूट की सीमाा को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कह दिया। सरकार के इस फैसले से इन टैक्सपेयर्स की 80000 रुपये की बचत होगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल का मानना ​​है कि सरकार के इस फैसले से खपत को बढ़ावा मिलने और कैपिटल मार्केट्स को लाभ होने की सबसे अधिक संभावना है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह तुरंत आकलन करना मुश्किल है कि बजट 2025 में बदलाव से होने वाली टैक्स सेविंग कहां खर्च होगी।

Budget 2025 से इन सेक्टर्स को होगा फायदा

अग्रवाल ने कहा कि FMCG जैसे सेक्टर या जोमैटो जैसी कंपनियां जो छोटी-छोटी वस्तुओं से संबंधित हैं, उन्हें लाभ होने की सबसे अधिक संभावना है। उन्होंने कहा, "इसका बहुत ज़्यादा सेकेंड टियर इफेक्ट होने जा रहा है। पूरा टैक्स बेनिफिट सिर्फ कंजप्शन कंपनियों में नहीं जाएगा। कैपिटल मार्केट्स को भी काफी फायदा हो सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि जो लोग पहले से ही अच्छी आय (₹25 लाख या उससे अधिक) कमा रहे हैं, उनकी जरूरतें पहले से पूरी हो रही होती हैं, इसलिए उन्हें अपनी अतिरिक्त आय खर्च करने की जरूरत नहीं होती। ऐसे में, टैक्स बचत से मिलने वाले ₹1 लाख का एक बड़ा हिस्सा वे कैपिटल मार्केट्स में लगा सकते हैं।


Raamdeo Agrawal ने बताई स्ट्रेटेजी

रामदेव अग्रवाल ने न्यू-एज डिजिटल और क्विक कॉमर्स कंपनियों को प्राथमिकता दी है, क्योंकि उनका मानना है कि ये कंपनियां तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि पुरानी कंपनियों अर्निंग ग्रोथ धीमी है, लेकिन उनका वैल्यूएशन ज्यादा है। रामदेव अग्रवाल ने कहा, "मैं उन कंपनियों में निवेश करना पसंद करूंगा जिनकी ग्रोथ रेट 70-80% है, जैसे डिजिटल और क्विक कॉमर्स कंपनियां, बजाय उन कंपनियों के जो 70, 80 या 100 पीई (प्राइस टू अर्निंग) पर हैं, जहां विकास दर अधिक से अधिक 10-15% हो सकती है। यह एक पसंद का मामला है।"

अग्रवाल ने बजट में ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर्स (GCCs) पर फोकस करने को 'भारत में एक बहुत बड़ी क्रांति' बताया, जिसमें टियर-2 और टियर-3 शहरों तक विस्तार की योजना है। हालांकि, जीएसटी को कम करने जैसे उपायों के माध्यम से वस्तुओं की लागत को कम नहीं किया गया है। अग्रवाल का मानना ​​है कि वास्तविक लाभ तब मिलेगा जब आर्थिक विकास फिर से बढ़ेगा, जिससे संसाधनों का अधिक अनुकूल आवंटन होगा।

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