रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में 24 नवंबर को लगातार 5वें कारोबारी सेशन में गिरावट रही। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 2 प्रतिशत से ज्यादा नीचे चला गया। इंडेक्स पर लिस्टेड 10 शेयरों में अनंत राज का शेयर 7 प्रतिशत और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज का शेयर 3.5 प्रतिशत लुढ़का। DLF के शेयर 1 प्रतिशत से ज्यादा नीचे आए। सिग्नेचर ग्लोबल, लोढ़ा डेवलपर्स और फोनिक्स लिमिटेड के शेयरों में 1.5 प्रतिशत की गिरावट रही। गोदरेज प्रॉपर्टीज 2 प्रतिशत लुढ़का, वहीं ओबेरॉय रियल्टी में 2.5 प्रतिशत, प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के शेयरों में 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। शोभा लिमिटेड के शेयर भी गिरे।
फोर्टेशिया रियल्टी के डायरेक्टर शिव गर्ग का कहना है कि रियल एस्टेट स्टॉक इसलिए नहीं गिर रहे हैं क्योंकि सेक्टर कमजोर हुआ है, बल्कि इसलिए गिर रहे हैं क्योंकि वैल्यूएशन फंडामेंटल्स से बहुत आगे निकल गए हैं। मार्केट को नए ट्रिगर की जरूरत है।
'हेल्दी रीसेट' है यह करेक्शन
गर्ग ने आगे कहा कि रियल्टी स्टॉक्स में चल रहा करेक्शन एक "हेल्दी रीसेट" है, न कि कोई स्ट्रक्चरल रिवर्सल। डिमांड, बुकिंग के साथ-साथ प्राइसिंग पावर भी बरकरार है। लेकिन स्टॉक की कीमतों को ठंडा होने की जरूरत है। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के चीफ रिसर्च ऑफिसर रवि सिंह का कहना है कि सेक्टर के फंडामेंटल्स को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसकी वजह से ब्रॉडर मार्केट में अपट्रेंड के बावजूद रियल एस्टेट स्टॉक्स कमजोर हुए हैं। कंस्ट्रक्शन की रफ्तार काफी कम हो गई है, जिससे नए लॉन्च और डिलीवरी के बीच का अंतर बढ़ गया है।
अगर आगे की तिमाहियों में भी ऐसा जारी रहा तो सीधे तौर पर प्रोजेक्ट में देरी, कमजोर कैश फ्लो और मार्जिन पर दबाव का रिस्क बढ़ सकता है। INVasset PMS के रिसर्च एनालिस्ट यश चौहान के मुताबिक, ब्रॉडर मार्केट में तेजी के बावजूद रियल एस्टेट स्टॉक्स में गिरावट सरेंडर से ज्यादा सावधानी दर्शाती है।
नियर-टर्म कंसोलिडेशन हेल्दी
चौहान ने यह भी कहा कि सेक्टर अपने लॉन्ग-टर्म एवरेज से प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इसलिए मार्केट का रुकना और डेटा को समझना स्वाभाविक है। नियर-टर्म कंसोलिडेशन हेल्दी लग रहा है। आगे स्टॉक्स की परफॉर्मेंस सिर्फ सेंटिमेंट के बजाय डिलीवरी, बैलेंस-शीट की क्वालिटी और प्रोजेक्ट्स के एग्जीक्यूशन पर निर्भर करेगी।
स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर का कहना है कि रियल एस्टेट स्टॉक्स पिछले कुछ सेशन से वैल्यूएशन, डिमांड-साइड से जुड़ी चिंता और सेक्टर-स्पेसिफिक दबावों की वजह से गिर रहे हैं। कुछ बड़े डेवलपर्स की तिमाही अर्निंग उम्मीद से कम रही है। इससे प्रॉफिट पर दबाव है और प्री-सेल्स ग्रोथ धीमी रही है। इसके चलते सवाल उठ रहे हैं कि क्या मौजूदा वैल्यूएशन सही हैं। इसके अलावा भविष्य में ब्याज दर में कटौती की रफ्तार को लेकर अनिश्चितता इस सेक्टर पर भारी पड़ रही है।
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