Realty Stocks : 6 कारोबारी सत्रों में 12% टूटा निफ्टी रियल्टी इंडेक्स, जानिए कब तक जारी रह सकती है यह पिटाई

Realty index: एनालिस्टों ने तीसरी तिमाही में लॉन्च में देरी की बात कही है और लंबित अप्रूवलों के मिलने के साथ वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में नए लॉन्च में उछाल की उम्मीद जाहिर की है। ब्रॉडर इक्विटी मार्केट करेक्शन के दौर से गुजर रहे है। हाल के हफ्तों में रियल एस्टेट सेक्टर में ये करेक्शन और भी तेज हो गया है

अपडेटेड Jan 13, 2025 पर 1:33 PM
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अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी सहित तमाम ग्लोबल इवेंट्स से जुड़ी व्यापक बाजार की अनिश्चितता ने भी सेंटीमेंट को प्रभावित किया है। एनालिस्टों ने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ में प्रस्तावित बढ़त से महंगाई बढ़ सकती है। इससे ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है।

निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 13 जनवरी को भी गिरावट को जारी रहा। आज इंट्राडे में यह इंडेक्स 4.5 फीसदी तक गिर गया। इससे इसकी छह-सत्र की गिरावट 12 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले हफ्ते इंडेक्स में 7.83 फीसदी की गिरावट आई थी। बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च की कमी और कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण रियल्टी शेयरों पर दबाव बना है। मजबूत अमेरिकी जॉब रिपोर्ट ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की गति को धीमी करने की आशंका को और मजबूत कर दिया है। सुबह 11:50 बजे, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 925.10 पर कारोबार कर रहा था,यह 924.55 के इंट्राडे लो पर पहुंचने के बाद 3.97 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा था। चालू करेक्शन ब्रॉडर मार्केट के कम रुझानों को दर्शाता है। अक्टूबर से ही सेक्टोरल इंडेक्सों में दबाव देखने को मिल रहा है।

गिरावट के पीछे मुख्य वजह

1. खराब बाजार स्थितियां


ब्रॉडर इक्विटी मार्केट करेक्शन के दौर से गुजर रहे है। हाल के हफ्तों में रियल एस्टेट सेक्टर में ये करेक्शन और भी तेज हो गया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रुचित जैन ने कहा कि बढ़ती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड(जो वर्तमान में 4.76 प्रतिशत है), ने रियल एस्टेट जैसे ब्याज दरों के प्रति संवेदनशीन सेक्टरों पर भारी असर डाला है। जैन ने कहा कि हाई बॉन्ड यील्ड और सुस्त बाजार स्थितियों के योग ने रियल्टी शेयरों को विशेष रूप से कमजोर बना दिया है।

2. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होना

अमेरिका में अप्रत्याशित रूप से मजबूत जॉब रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले महीने 256,000 नई नौकरियां जोड़ी गई हैं। इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में आक्रामक कटौती की उम्मीदों कम हो गई हैं। रेसीडेंसिल सेगमेंट के ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील होने के कारण इस पर सीधा असर पड़ता है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होने से घर खरीदारों की मांग कमजोर होती है।

3. लॉन्च में देरी और रेग्युलेटरी चुनौतियां

रियल एस्टेट रेग्युलेटरी एथॉरिटी (RERA) के तहत प्रोजेक्ट में देरी ने भी इस सेक्टर को प्रभावित किया है। HDFC सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने इस बात पर फोकस किया इन देरियों ने तीसरी तिमाही में लॉन्च सुस्त पड़ गया है। हालांकि, उन्हें Q4FY25 में नए लॉन्च में उछाल की उम्मीद है क्योंकि लंबित अनुमोदन मिल सकते हैं।

रेलिगेयर ब्रोकिंगअजीत मिश्रा ने इस सेक्टर के खराब प्रदर्शन के लिए DLF और गोदरेज प्रॉपर्टीज जैसे प्रमुख डेवलपर्स द्वारा बड़ी-बड़ी परियोजनाएं लॉन्च न किए जाने को जिम्मेदार ठहराया। मिश्रा ने कहा कि बड़े खिलाड़ियों की ओर से लॉन्च में कमी इंडेक्स की निरंतर गिरावट का एक महत्वपूर्ण कारण रही है।

टेक्निकल व्यू

निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने अपने अहम सपोर्ट स्तरों को तोड़ दिया है और इसमें गिरावट जारी रह सकती है। रुचित जैन का कहना है कि इसके लिए अगला अहम सपोर्ट जोन 870 और 860 के बीच है।

रिलायंस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विकास जैन ने कहा कि इंडेक्स का 1,130-1,140 रेंज में डबल-टॉप गठन, साथ ही 100-डे मूविंग औसत 1040 से नीचे ब्रेकडाउन ने बिकवाली को तेज कर दिया है। विकास जैन ने आगे कहा कि 850-880 रेंज से उछाल संभव है,जो 1135 के हालिया शीर्ष से 23 फीसदी सुधार और 21 महीने के मजबूत औसत के साथ मेल खाता है। ओवरसोल्ड पोजीशन के कारण ट्रेडर शॉर्ट टर्म रिकवरी की उम्मीद कर सकते हैं, लेकिन किसी भी उछाल के सीमित ही रहने की संभावना है।

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अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी सहित तमाम ग्लोबल इवेंट्स से जुड़ी व्यापक बाजार की अनिश्चितता ने भी सेंटीमेंट को प्रभावित किया है। एनालिस्टों ने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ में प्रस्तावित बढ़त से महंगाई बढ़ सकती है। इससे ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है। इसके चलते अमेरिकी असेट्स ग्लोबल निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक हो सकती हैं। इस संभावना को देखते हुए डॉलर में मजबूती आई है। इससे भारतीय बाजारों में एफआईआई की मुनाफावसूली बढ़ी है।

 

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