Refex Industries के शेयर में जबरदस्त खरीद, ₹100 करोड़ के ऑर्डर से 13% तक भागा

Refex Industries Share Price: रेफेक्स इंडस्ट्रीज का शेयर एक मल्टीबैगर है। इससे पहले रेफेक्स को एक सरकारी कंपनी से NHAI रोड प्रोजेक्ट के लिए पॉन्ड/फ्लाई ऐश के ट्रांसपोर्टेशन का प्रोजेक्ट मिला था। सितंबर 2025 तिमाही में रेफेक्स का स्टैंडअलोन मुनाफा 52 करोड़ रुपये रहा

अपडेटेड Nov 28, 2025 पर 12:38 PM
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रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में रेफ्रिजरेंट गैसों की स्पेशलिस्ट मैन्युफैक्चरर और रीफिलर है।

रेफ्रिजरेंट गैस बनाने वाली रेफेक्स इंडस्ट्रीज का शेयर 28 नवंबर को दिन में 13.5 प्रतिशत तक चढ़ गया। बीएसई पर शेयर 363.60 रुपये के हाई तक गया। रेफेक्स ने शेयर बाजारों को बताया है कि उसे एक बड़ी कंपनी से पॉन्ड/बॉटम ऐश की खुदाई, लोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन का एक ऑर्डर मिला है। यह लगभग 100 करोड़ रुपये का है। इसे 4 महीनों के अंदर एग्जीक्यूट किया जाना है। यह पूरी तरह घरेलू ऑर्डर है और इसे देने वाली एंटिटी का रेफेक्स के प्रमोटर्स या ग्रुप की कंपनियों से कोई नाता नहीं है।

रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में रेफ्रिजरेंट गैसों की स्पेशलिस्ट मैन्युफैक्चरर और रीफिलर है, विशेष रूप से पर्यावरण की नजर से स्वीकार्य गैसों के मामले में। कंपनी ऐश मैनेजमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, और अपनी सहायक कंपनियों के जरिए विंड टरबाइन सप्लाई जैसे क्षेत्रों में भी काम करती है। इसका बिजनेस अब गैस मैन्युफैक्चरिंग से आगे बढ़कर मल्टी-सर्विस इंडस्ट्रियल ऑपरेशंस तक फैल चुका है।

2 साल में 226 प्रतिशत चढ़ा Refex Industries शेयर


रेफेक्स इंडस्ट्रीज का शेयर एक मल्टीबैगर है। 2 साल में इसने 226 प्रतिशत की तेजी देखी है। 10 साल में 20800 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि 6 महीनों में 20 प्रतिशत से ज्यादा टूटा है। शेयर की फेस वैल्यू 2 रुपये है। शेयर का बीएसई पर 52 सप्ताह का उच्च स्तर 574.70 रुपये है, जो 3 दिसंबर 2024 को क्रिएट हुआ। 52 सप्ताह का निचला स्तर 315.25 रुपये 24 नवंबर 2025 को देखा गया। कंपनी का मार्केट कैप 4800 करोड़ रुपये हो गया है। रेफेक्स इंडस्ट्रीज दिसंबर 2009 में शेयर बाजारों में लिस्ट हुई थी। कंपनी में 3 अक्टूबर 2025 तक प्रमोटर्स के पास 55.92 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

इससे पहले रेफेक्स को एक सरकारी कंपनी से NHAI रोड प्रोजेक्ट के लिए पॉन्ड/फ्लाई ऐश के ट्रांसपोर्टेशन का प्रोजेक्ट मिला था। यह कॉन्ट्रैक्ट 16.56 करोड़ रुपये का था और इसे भी 4 महीनों के अंदर एग्जीक्यूट किया जाना है। सितंबर 2025 तिमाही में रेफेक्स इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन बेसिस पर रेवेन्यू 423.22 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 52 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 में स्टैंडअलोन रेवेन्यू 2,430 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 189.41 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।

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