रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) अपने विभिन्न बिजनेसों में वित्त वर्ष 2022 से 2024 के दौरान अपने करीब 3.6 लाख करोड़ रुपये (करीब 45 अरब डॉलर) के निवेश और कैपिटल एक्सपेंडिटर की योजना पर काम कर रही है। विदेशी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म जेपी मॉर्गन (JP Morgan) का कहना है कि रिलायंस के इस कैपिटल एक्सपेंडिचर का लाभ वित्त वर्ष 2025 के वित्तीय नतीजों से दिखना शुरू होगा। जेपी मॉर्गन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर पर ओवरवेट रेटिंग बनाए रखी है और अभी इसे रिस्क-रिवॉर्ड के लिए लिहाज से एक आकर्षक दांव के रूप में देख रही है। इसने RIL के लिए 2,960 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है, जो इसमें मौजूदा स्तर से करीब 19 फीसदी की उछाल की संभावना जताता है।
JP Morgan के एनालिस्ट्स पिनाकिन पारेख और सरफराज भिमानी ने अपनी एक हालिया में एक रिपोर्ट में कहा, "कुल मिलाकर, हमें उम्मीद है कि इस साल की सालाना जनरल मीटिंग (जून/जुलाई में संभावित), जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (जेएफएस) और रिलायंस रिटेल की महत्व को और बढ़ाएगा।"
रिटेल सेगमेंट में आक्रामक विस्तार
कई निवेशक जहां यह सवाल पूछ रहे हैं कि इन कदमों का मार्जिन विस्तार पर कब से असर दिखना शुरू होगा। वहीं जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट्स का मानना है कि अगले 2-3 सालों में पूरा लाभ कमाई और बॉटम लाइन के माध्यम से प्रवाहित होगा।
रिफाइनिंग मार्जिन में तेजी
सिंगापुर बेंचमार्क रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट आई है और स्पॉट GRM इस समय 2.2 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि चौथी तिमाही के दौरान यह औसतन 7.6 डॉलर प्रति बैरल था। हालांकि पारेख के मुताबिक, मांग को लेकर संकेत लचीला बना हुआ है और मोबिलिटी फ्यूल की मांग में तेजी देखी जा रही है, जो GRM को ऊपर आने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, 'हम RIL पर ओवरवेट बने हुए हैं और शेयर प्राइस को आकर्षक रिस्क-रिवॉर्ड ऑफर करते हुए देख रहे हैं।"
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