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रिलायंस जियो का स्टारलिंक के साथ करार, इंडस टावर और वोडाफोन 7% तक टूटे

Jio Platforms ने SpaceX की Starlink के साथ ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विसेज के लिए करार किया है। इस करार के तहत जियो प्लैटफॉर्म भारत में अपने ग्राहकों को Starlink की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विसेज मुहैया कराएगा। Jio अपने रिटेल आउटलेट के साथ-साथ अपने ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के माध्यम से Starlink इक्विपमेंट्स भी उपलब्ध कराएगा

अपडेटेड Mar 12, 2025 पर 2:08 PM
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आज जियो प्लेटफॉर्म्स से पहले कल स्टारलिंक ने भारती एयरटेल के साथ भी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड का करार किया। इस करार से भारती एयरटेल के शेयर में तो कोई खास एक्शन नहीं दिखा। लेकिन वोडाफोन और इंडस टावर के शेयर में भारी गिरावट दिख रही है

भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए JIO प्लेटफार्म ने STARLINK के साथ करार किया है। अब STARLINK SOLUTIONS के जरिए ग्राहकों को हाई स्पीड इंटरनेट सेवा मिलेगी। कल भारती एयरटेल ने भी STARLINK के साथ ऐसा ही करार किया था। इस खबर के बाद इंडस टावर और वोडाफोन 7 फीसदी तक टूटे हैं। इस करार पर स्टारलिंक के बयान में कहा गया है कि भारत की कनेक्टिविटी क्रांति में ये करार मील का पत्थर साबित होगा।

Jio Platforms ने SpaceX की Starlink के साथ ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विसेज के लिए करार किया है। इस करार के तहत जियो प्लैटफॉर्म भारत में अपने ग्राहकों को Starlink की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विसेज मुहैया कराएगा। Jio अपने रिटेल आउटलेट के साथ-साथ अपने ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के माध्यम से Starlink इक्विपमेंट्स भी उपलब्ध कराएगा। इस समझौते के जरिए दोनो कंपनियां देश भर में ब्रॉडबैंड सेवाएं देंगी। Jio डेटा ट्रैफ़िक के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर और Starlink की दुनिया में लो अर्थ ऑर्बिट ऑपरेटर के रूप में काम करने वाली दिग्गज कंपनी है।

इस करार से भारत के सबसे दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी इंटरनेट सेवाओं का विस्तार हो सकेगा। इस करार के तहत Jio न केवल अपने रिटेल आउटलेट में Starlink इक्विपमेंट्स मुहैया कराएगा, बल्कि ग्राहक सेवा का भी काम करेगा। ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के जरिए भी स्टारलिंक सॉल्यूशन्स की सेवा मिलेगी। लेकिन इस सौदे को अभी रेगुलेटरी मंजूरी मिलनी बाकी है।


कब तक मिल सकती है ये मंजूरी ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज के असीम मनचंदा ने कहा कि रिलायंस जिओ और भारती एयरटेल के साथ करार के बाद स्टारलिंक की राह भारत में आसान हो सकती है। कंपनी अधिकतर सिक्योरिटी गाइडलाइंस के मानकों को पूरा कर चुकी है। कंपनी भारत में ग्राउंड स्टेशन लगाने के लिए भी तैयार है। सरकार जल्दी लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर सकती है। सभी दस्तावेजों को पूरा करने के बाद लाइसेंस मिलेगा। हालांकि स्पेक्ट्रम के लिए स्टारलिंक को इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल स्पेक्ट्रम के लिए ट्राई ने अपनी सिफारिशें नहीं दी हैं।

क्यों टूटे इंडस टावर, वोडाफोन?

आज जियो प्लेटफॉर्म्स से पहले कल स्टारलिंक ने भारती एयरटेल के साथ भी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड का करार किया। इस करार से भारती एयरटेल के शेयर में तो कोई खास एक्शन नहीं दिखा। लेकिन वोडाफोन और इंडस टावर के शेयर में भारी गिरावट दिख रही है। इसकी क्या वजह है, ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज के असीम मनचंदा ने कहा कि इस करार से वोडा-आइडिया को फिलहाल कोई फायदा नहीं होगा। इस करार से दूरदराज के इलाकों मे टावर लगाने की चिंता खत्म हो जाएगी। इससे सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा कम लागत में ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच सकेगी। ग्रामीण इलाकों मे टावर लगाने में भी कमी आने की संभावना है। इसके चलते ही इंडस टावर के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है।

 

(डिस्क्लेमर: नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)

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