CPI inflation forecast : भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (IIM-A) के नवीनतम बिजनेस इन्फ्लेशन एक्सपेक्टेशंस सर्वे (BIES) के मुताबिक कंपनियों का एक साल आगे का रिटेल महंगाई का अनुमान जून के 4.56 फीसदी से बढ़कर अगस्त में 5 फीसदी पर रहा है। इसका मतलब ये है कि कंपनियों का अनुमान है कि अगले अगस्त में देश की खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी पर रह सकती है। इस सर्वे में करीब 1000 कंपनियों से हर अल्टरनेट महीने में महंगाई पर उनके अनुमान के बारे में जानकारी ली जाती है। इस सर्वे में उस महीनों को ही शामिल किया जाता है जिसमें आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग होती है। इस सर्वे में कंपनियों से एक साल आगे के महंगाई अनुमान पर भी राय मांगी जाती है।
बता दें कि आरबीआई एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 4 अक्टूबर को शुरू हो गई है। यह 6 अक्टूबर को 10 बजे ब्याज दरों पर अपने फैसले का ऐलान करेगी। आमतौर पर माना जा रहा है कि आरबीआई लगातार चौथी बार अपनी नीति दर में कोई बदलाव नहीं करेगा और इसको 6.5 फीसदी पर बरकरार रखेगा।
हालांकि, अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि आरबीआई 2023-24 के लिए अपने महंगाई के पूर्वानुमान को 20-30 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ा सकता है। गौरतलब है कि जुलाई में रिटेल महंगाई दर 7.44 फीसदी के 15 महीने के हाई पर पहुंच गई थी। लेकिन अगस्त में इसमें कमी आई और ये 6.83 फीसदी पर आ गई। बता दें कि एक आधार अंक एक फीसदी का सौवां हिस्सा होता है।
12 अक्टूबर को जारी होने वाले सितंबर के रिटेल महंगाई आंकड़ों में और गिरावट की उम्मीद है, लेकिन यह लगातार तीसरे महीने केंद्रीय बैंक के 2-6 फीसदी के टॉलरेंस बैंड के ऊपरी छोर से ऊपर रह सकता है।
भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (IIM-A) के नवीनतम बिजनेस इन्फ्लेशन एक्सपेक्टेशंस सर्वे (BIES) में कंपनियों ने एक साल आगे का हेडलाइन रिटेल महंगाई का अनुमान तो जून के 4.56 फीसदी से बढ़कर अगस्त में 5 फीसदी कर दिया है लेकिन लागत के आधार पर उनका अगस्त का महंगाई अनुमान 4.31 फीसदी के जुलाई के अनुमान पर ही बरकरार है।
इस सर्वे को कंडक्ट करने वाले आईआईएम-ए में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अभिमान दास का कहना है कि रिटेल महंगाई में हालिया उछाल का कंपनियों के महंगाई के अनुमान पर सीमित असर पड़ा है। वास्तव में, कंपनियों का औसत महंगाई अनुमान पिछले चार महीनों से लगभग 4 फीसदी के आसपास टिका हुआ है।
बिजनेस इन्फ्लेशन एक्सपेक्टेशंस सर्वे (BIES) में मैन्युफैचरिंग कंपनियां बड़े पैमाने पर शामिल होती हैं। यह सर्वे लगभग 1,000 कंपनियों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। इनमें से अधिकांश प्रतिक्रियाए सितंबर की दूसरी छमाही में प्राप्त हुई हैं।