RITES को विदेश मंत्रालय से मिला नया ऑर्डर, तीन साल में 120% रिटर्न दे चुका है स्टॉक

सितंबर तिमाही में RITES का नेट प्रॉफिट 25% घटकर ₹82.5 करोड़ रह गया। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान RITES ने ₹110.2 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था। तिमाही के लिए रेवेन्यू घटकर ₹541 करोड़ रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान यह ₹582.4 करोड़ था, यानी इसमें 7.1% की गिरावट आई

अपडेटेड Dec 14, 2024 पर 2:27 PM
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सरकारी इंजीनियरिंग फर्म RITES लिमिटेड भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) से नया ऑर्डर मिला है।

RITES share price: सरकारी इंजीनियरिंग फर्म RITES लिमिटेड को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) से नया ऑर्डर मिला है। कंपनी ने 13 दिसंबर को यह जानकारी दी। कंपनी के शेयरों में बीते शुक्रवार को 0.74 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। यह स्टॉक BSE पर 296.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इस गिरावट के साथ कंपनी का मार्केट कैप घटकर 14,249 करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 413.08 रुपये और 52-वीक लो 235.25 रुपये है।

RITES ने एक्सचेंज फाइलिंग में क्या कहा?

RITES लिमिटेड ने बताया कि उसे मिले नए ऑर्डर में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) के कंस्ट्रक्शन के लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन सर्विसेज प्रोवाइड करना शामिल है। राइट्स ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, "हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राइट्स को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) के निर्माण के लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन सर्विसेज का काम मिला है।"


प्रोजेक्ट को डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड सहित 59 महीनों के भीतर पूरा किया जाना है। कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट के साथ-साथ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (PMC) फीसदी शामिल है, लेकिन जीएसटी शामिल नहीं है।

RITES के तिमाही नतीजे

सितंबर तिमाही में RITES का नेट प्रॉफिट 25% घटकर ₹82.5 करोड़ रह गया। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान RITES ने ₹110.2 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था। तिमाही के लिए रेवेन्यू घटकर ₹541 करोड़ रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान यह ₹582.4 करोड़ था, यानी इसमें 7.1% की गिरावट आई।

राइट्स का EBITDA भी पिछले साल के 138 करोड़ रुपये की तुलना में सालाना 23 फीसदी गिरकर 106.4 करोड़ रुपये रह गया। तिमाही के लिए EBITDA मार्जिन पिछले साल के 23.6% से घटकर 19.7% रह गया। 23 सितंबर को CNBC-TV18 के साथ बातचीत में मैनेजमेंट ने अपने ऑर्डर बुक में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की उम्मीद जताई थी।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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