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आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC ने अपने अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड NFO से 200 करोड़ रुपये जुटाए

एक से तीन साल की अवधि का आदित्य बिड़ला सन लाइफ यूएस ट्रेजरी बॉन्ड ETF फंड ऑफ फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो कम समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और कम जोखिम लेना चाहते हैं। तीन से दस साल की अवधि का आदित्य बिड़ला सन लाइफ यूएस ट्रेजरी बॉन्ड ETF फंड ऑफ फंड्स ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और ज्यादा जोखिम लेने को तैयार हैं

अपडेटेड Nov 20, 2023 पर 5:49 PM
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इन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के कई फायदे हैं, मसलन लॉन्ग टर्म के लिए बेहतर यील्ड, कैपिटल गेन्स हासिल करने का अवसर आदि।

आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने अपने आदित्य बिड़ला सन लाइफ यूएस ट्रेजरी बॉन्ड NFO से तकरीबन 200 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह NFO 16 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक खुला रहा। आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC (Aditya Birla Sun Life AMC) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्ट ए बालासुब्रमण्यन ने बताया, 'मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि तकरीबन 7,000 निवेशकों ने इस खास अवसर का लाभ उठाया है और आदित्य बिड़ला सन लाइफ यूएस ट्रेजरी बॉन्ड NFO में निवेश किया है।'

उन्होंने कहा, 'आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC का मानना है कि आने वाले समय में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है और बॉन्ड यील्ड में किसी भी बढ़ोतरी को अमेरिकी ट्रेजरी में निवेश का अवसर माना जाना चाहिए, क्योंकि अगले साल के आखिर या 2025 के शुरू से ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू हो जाएगा। मेरा पक्के तौर पर मानना है कि यह ऑफर अमेरिकी मुद्रा वाली एसेट्स में अपने इनवेस्टमेंट को डायवर्सिफाई करने का बेहतरीन मौका है।'

एक ही तरह की प्रोफाइल के दो फंड हैं, लेकिन दोनों फंड अलग-अलग तरह के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करते हैं। एक से तीन साल की अवधि का आदित्य बिड़ला सन लाइफ यूएस ट्रेजरी बॉन्ड ETF फंड ऑफ फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो कम समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और कम जोखिम लेना चाहते हैं। तीन से दस साल की अवधि का आदित्य बिड़ला सन लाइफ यूएस ट्रेजरी बॉन्ड ETF फंड ऑफ फंड्स ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और ज्यादा जोखिम लेने को तैयार हैं।


इन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के कई फायदे हैं, मसलन लॉन्ग टर्म के लिए बेहतर यील्ड, कैपिटल गेन्स हासिल करने का अवसर आदि। फंड हाउस के मुताबिक, इंडियन म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिये निवेश करने पर इसे लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेशी निवेश नहीं माना जाएगा और निवेश की अधिकतम सीमा भी तय नहीं की गई है। साथ ही, इस निवेश पर TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) भी लागू नहीं होगा, लिहाजा यह निवेश का एक बेहतर विकल्प है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 20 नवंबर को कंपनी का शेयर 1.71 पर्सेंट की गिरावट के साथ 451.65 रुपये पर बंद हुआ।

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