केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही में सरकारी बॉन्ड जारी कर 6.55 लाख करोड़ की उधारी जुटाएगी। फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस कार्यक्रम के तहत 20,000 करोड़ रुपये के ग्रीन बॉन्ड भी जारी किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में केंद्र सरकार का ग्रॉस बॉरोइंग प्रोग्राम बढ़ाकर 15.43 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था, जबकि नेट बॉरोइंग 11.8 लाख करोड़ था।
मनीकंट्रोल (Moneycontrol) ने पिछले हफ्ते खबर दी थी कि फाइनेंस मिनिस्ट्री 2023-24 की दूसरी छमाही में अपने बॉरोइंग प्लान में बदलाव नहीं करेगी और मार्च के आखिर में किए गए ऐलान के मुताबिक 6.55 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) हर हफ्ते ऑक्शन के जरिये बॉन्ड जारी कर बॉरोइंग प्रोग्राम मैनेज करता है।
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बताया, ' इस समय हमारे पास यही सबसे बेहतर अनुमान है। हालांकि, सिर्फ ऐसा नहीं है कि हमारे पास बजट अनुमान हैं। इस वक्त हमारे अनुमान बता रहे हैं कि हम बजट के हिसाब से अपनी मॉर्केट बॉरोइंग मैनेज कर सकते हैं। हमें इसे बढ़ाने की जरूरत नहीं है। साथ ही, इससे कम में भी काम चलने की संभावना नहीं है। हम बजट में बताए गए फिस्कल डेफिसिट के आंकड़ों पर स्थिर हैं।'
केंद्र सरकार फिस्कल डेफिसिट की फंडिंग बॉन्ड मार्केट से बॉरोइंग, स्मॉल सेविंग स्कीम से हासिल रकम और अपने कैश बैलेंस के जरिये करती है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फिस्कल डेफिसिट टारगेट 7.87 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 5.9 पर्सेंट तय किया गया है। इसमें से 4.71 लाख करोड़ स्मॉल सेविंग कलेक्शन से आएंगे। अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के दौरान सरकारी बॉन्ड के साप्ताहिक बॉन्ड का ऑक्शन 30,000 करोड़ से 39,000 करोड़ के रेंज में होगा। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आखिरी ऑक्शन 16 जनवरी को होगा।
फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से 26 सितंबर को जारी बयान में कहा गया है, ' लंबी अवधि की सिक्योरिटीज की मार्केट डिमांड को देखते हुए पहली बार 50 साल की सिक्योरिटी जारी किया जाएगी।'