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PNB ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी और इंटरेस्ट को लेकर किया अहम ऐलान

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) और RBI बॉन्ड में निवेश करने वाले अपने कुछ कस्टमर्स के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक खास सूचना साझा की है। इसके मुताबिक, अगर इन बॉन्ड्स में निवेश करने वाले बैंक के कस्टमर्स को ब्याज नहीं मिला है और उनके बॉन्ड मैच्योर हो गए हैं या मैच्योर होने वाले हैं, तो उन्हें अपने ब्रांच जाकर 5 दिनों के भीतर अपना बैंक खाता वेरिफाई करना होगा

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 9:56 PM
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिजिकल गोल्ड का विकल्प हैं।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) और RBI बॉन्ड में निवेश करने वाले अपने कुछ कस्टमर्स के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक खास सूचना साझा की है। इसके मुताबिक, अगर इन बॉन्ड्स में निवेश करने वाले बैंक के कस्टमर्स को ब्याज नहीं मिला है और उनके बॉन्ड मैच्योर हो गए हैं या मैच्योर होने वाले हैं, तो उन्हें अपने ब्रांच जाकर 5 दिनों के भीतर अपना बैंक खाता वेरिफाई करना होगा।

PNB के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड इनवेस्टर्स को क्या जानना चाहिए?

बैंक का कहना है कि खाता नंबर गलत होने या खाता बंद होने की स्थिति में बैंक देरी के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। इसके अलावा, 6 साल से ज्यादा तक ब्याज या मूलधन पर कोई क्लेम नहीं किया गया है, तो ग्राहकों को रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस का पालन करना होगा।' रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक, 'अगर इंटरेस्ट/रिडेम्प्शन की राशि तय राशि के 30 दिनों के भीतर क्लेम नहीं की गई है, तो लिस्टेड इकाई 30 दिनों की एक्सपायरी के बाद 7 दिनों के भीतर एस्क्रो खाते में ट्रांसफर कर देगी। बाकी रकम अगर 7 साल के बाद भी क्लेम नहीं की गई है, तो ट्रेजरी डिपार्टमेंट इस रकम को ब्याज समेत IPEF को ट्रांसफर कर देगा।'

निवेशकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे रिडेम्प्शन तक अपना ऑपरेटिव अकाउंट बंद नहीं करें। अगर वे किसी वजह से संबंधित खाता बंद कर देते हैं, तो इसे बंद करने से पहले दूसरा खाता नंबर उपलब्ध कराएं। दूसरा खाता नंबर नहीं होने की स्थिति में रिडेम्प्शन और इंटरेस्ट की रकम खाते में क्रेडिट नहीं हो सकेगी।


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) क्या है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज होते हैं और इनका आकलन गोल्ड प्राइस के आधार पर किया जाता है। ये बॉन्ड फिजिकल गोल्ड का विकल्प हैं। निवेशकों को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होगा और मैच्योरिटी के बाद बॉन्ड्स का रिडेम्प्शन कैश में होगा। यह बॉन्ड रिजर्व बैंक जारी करता है।

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