सरकार अब 50 साल की अवधि का बॉन्ड भी जारी करेगी। इन बॉन्ड्स की बिक्री अक्टूबर से फरवरी के दौरान होगी। ये बॉन्ड 300 अरब रुपये (3.6 डॉलर डॉलर) रुपये के जारी किए जाएंगे, जो सरकार की कुल बॉरोइंग का 5 पर्सेंट है। देश के लाइफ इंश्योरेंस और पेंशन फंड इंडस्ट्रीज में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में भारत के 1 लाख करोड़ डॉलर के सोवरेन डेट मार्केट का माहौल तेजी से बदल रहा है।
इस कवायद से मोदी सरकार को अपनी रिकॉर्ड बॉरोइंग की फंडिंग के लिए बैंकों की खरीदारी (बॉन्ड) पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। IDFC फर्स्ट बैंक के अर्थशास्त्री गौरव सेन गुप्ता ने अपने नोट में लिखा है, 'संगठित क्षेत्र के विस्तार के साथ ही निवेशकों की मांग बढ़ रही है। लोग अपनी बचत का बड़ा हिस्सा लाइफ इंश्योरेंस, पेंशन और प्रोविडेंट फंड में लगा रहे हैं।'
एक सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि बैंकिंग रेगुलेटर बॉन्ड की अवधि बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और उम्मीद है कि जेपीमॉर्गन (JPMorgan) चेज एंड कंपनी के इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत को शामिल करने के फैसले के बाद इसकी यील्ड में गिरावट होगी। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की पहुंच बढ़ने से पहले ही भारत में यील्ड कर्व का असर देखने को मिल रहा है। इस साल 30 साल के बॉन्ड की यील्ड 0.11 पर्सेंट घटकर 7.34 पर्सेंट पर पहुंच गई है।
मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मोदी सरकार 6.55 लाख करोड़ का बॉन्ड बेचेगी। यह पूरे साल के लिए बजट में तय किए गए 15.43 लाख करोड़ रुपये के टारगेट के मुताबिक है।