Credit Cards

रुपया लड़खड़ाया लेकिन आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं, जानिए वजह

इमर्जिंग मार्केट पैक पर नजर डालें तो रुपया मध्य में नजर आ रहा है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये का प्रदर्शन इंडोनेशिया और मलेशिया की मुद्राओं की तुलना में कमजोर रहा है लेकिन इन साउथ अफ्रीकन देशों की तुलना में मजबूत रहा है

अपडेटेड Jul 18, 2022 पर 5:19 PM
Story continues below Advertisement
रुपये ने डॉलर के मुकाबले अपनी कीमत गंवाई तो जरुर है। लेकिन दूसरी करेंसियों की तुलना में रुपये में मजबूती आई है

रुपया एक कारोबारी सत्र से दूसरे कारोबारी सत्र में लगातार गिर रहा है। इस समय डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपये के अपने मनोवैज्ञानिक लेवल के आसपास चक्कर लगा रहा है। यह सच है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से इंपोर्ट की जाने वाली चीजों की महंगाई बढ़ती है जिससे दूसरे मैक्रो इकोनॉमी फंडामेंटल पर निगेटिव असर पड़ता है।

लेकिन रुपये की अब तक की चाल पर नजर डालें तो भारत के नजरिए से तुलनात्मक रूप से यह काफी बेहतर रही है। दूसरे उभरते बाजारों और यहां तक की विकसित देशों की करेंसी पर नजर डालें तो वो रुपये की तुलना में डॉलर के मुकाबले कहीं ज्यादा टूटी हैं। इसका मतलब यह है कि रुपये ने डॉलर के मुकाबले अपनी कीमत गंवाई तो जरुर है। लेकिन दूसरी करेंसियों की तुलना में रुपये में मजबूती आई है।

इमर्जिंग मार्केट पैक पर नजर डालें तो रुपया मध्य में नजर आ रहा है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये का प्रदर्शन इंडोनेशिया और मलेशिया की मुद्राओं की तुलना में कमजोर रहा है लेकिन इन साउथ अफ्रीकन देशों की तुलना में मजबूत रहा है। इसके अलावा रुपये में हाल में आए करेक्शन से कई करेसिंयों के मुकाबले रुपये की ओवर प्राइसिंग तर्कसंगत हो गई है। यह भी रुपये के लिए एक अच्छी बात है।


ऐसे में हम कह सकते हैं कि रुपये की गिरावट से एक तरफ हमारी जेब पर कुछ अतिरिक्त बोझ बढ़ा है लेकिन यह भी ध्यान रहे कि यह एक ग्लोबल ट्रेंड है। जब भी कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतें बढ़ती है तो महंगाई बढ़ती है और दुनिया के तमाम देश जोखिम से बचने के लिए डॉलर की खरीदारी शुरु कर देते हैं। एक बार स्थितियां सामान्य होने पर डॉलर की खरीदारी थमेगी और रुपया फिर सामान्य स्तर पर लौटता नजर आएगा।

Daily Voice : अमेरिका में अगले साल मंदी आने के साफ संकेत- अनिरुद्ध नाहा

इसके अलावा भारत सरकार और आरबीआई रुपये के उतार-चढ़ाव पर नकेल कसने के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं। ऐसे में हमारा बस इतना कहना है कि सरकार और रेगुलेटरों पर अपना विश्वास बनाए रखें।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

(डिस्क्लेमर: नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।