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डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्‍तर तक आया लेकिन एक्सपोर्टर्स को नहीं मिल पा रहा इसका फायदा !

रेडिमेड गारमेंट के बड़े निर्यातक कह रहे हैं कि अमेरिकी और यूरोपिय देशों के बायर्स टैरिफ वार और ग्लोबल अनिश्चितता के चलते आर्डर में कमी कर रहे हैं। एक्सपोर्टर्स के मुताबिक सिर्फ रूपया नहीं डॉलर के मुकाबले दूसरी करेंसियां भी काफी कमज़ोर हुई हैं। इससे इंडियन एक्सपोर्टरों का प्राइस एडवांटेज खत्म हो जाता है। दूसरा रूपए में गिरावट से इनपुट कॉस्ट में भी बढ़ोत्तरी होती है

अपडेटेड Feb 17, 2025 पर 6:44 PM
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डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट से एक्पोर्टर्स को फायदा होता है ये बात थ्योरिटिकली सही है लेकिन मौजूदा परिस्थिति में जिस तरह से बड़े एक्पोर्टर्स हेजिंग कर रहे हैं और आर्डर में कमी की वजह से जो फायदा एक्पोर्टर्स को मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है

डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर पहुंच गया है। लेकिन एक्सपोर्टर्स को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। एक्सपोर्टर्स का कहना है कि बढ़ते इनपुट कॉस्ट और ग्लोबल अनिश्चिता के चलते अमेरिकी और यूरोपीय देशों से ऑर्डर्स में कमी आई है। ऐसे में निर्यात बढ़ाने का एक बड़ा मौका हाथ से निकल रहा है। डॉलर में मुकाबले रुपए में तेज गिरावट हुई है और रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर भी आया। एक्सपोर्टर्स को इसका फायदा होना चाहिए था क्योंकि दूसरे देशों के लिए भारत से निर्यात अब सस्ता होना चाहिए। लेकिन एक्सपोर्टर्स के इसका कोई फायदा नहीं मिला। रेडिमेड गारमेंट के बड़े निर्यातक कह रहे हैं कि अमेरिकी और यूरोपिय देशों के बायर्स टैरिफ वार और ग्लोबल अनिश्चितता के चलते आर्डर में कमी कर रहे हैं।

एक्सपोर्टर्स के मुताबिक सिर्फ रूपया नहीं डॉलर के मुकाबले दूसरी करेंसियां भी काफी कमज़ोर हुई हैं। इससे इंडियन एक्सपोर्टरों का प्राइस एडवांटेज खत्म हो जाता है। दूसरा रूपए में गिरावट से इनपुट कॉस्ट में भी बढ़ोत्तरी होती है,क्योंकि इम्पोर्टेड रॉ मैटेरियल और कंपोनेंट महंगा हो जाता है और तीसरी बात ये है कि बड़े एक्सपोर्टर करेंसी में उतार चढ़ाव के रिस्क को कम करने के लिए फॉर्वर्ड कवर लेते हैं। इसका मतलब ये है कि उत्पादन लागत तो बढ़ जाती है लेकिन एक्सपोर्टर्स को भुगतान पहले के जितना ही मिलता है। इसलिए करेंसी मूवमेंट से फायदा उठाने में मुश्किल हो रही है।

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डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट से एक्पोर्टर्स को फायदा होता है ये बात थ्योरिटिकली सही है लेकिन मौजूदा परिस्थिति में जिस तरह से बड़े एक्पोर्टर्स हेजिंग कर रहे हैं और आर्डर में कमी की वजह से जो फायदा एक्पोर्टर्स को मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है। इस भारतीय रुपया आज शुक्रवार के 86.83 के मुकाबले सोमवार को मामूली गिरावट के साथ 86.87 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ है।


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