Currency Check : डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट है। भाव 90 के करीब पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। क्या हैं इस रिकॉर्ड गिरावट के कारण बताते हुए सीएनबीसी TV -18 की मनीषा गुप्ता ने कहा कि डॉलर की मजबूती रुपए पर भारी पड़ रही है। रुपया रिकॉर्ड स्तरों तक फिसला है। रुपया 88.34 के रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली रुपए पर भारी पड़ रही है। 17 सितंबर को यूएस फेड दरों पर फैसला लेगा।
रुपए पर डॉलर का पावर प्रेशर!
डॉलर के मुकाबले रुपए में रिकॉर्ड गिरावट दिख रही है। रुपया 88.33 के रिकॉर्ड स्तर तक गिरा है। डॉलर में मजबूती से रुपये पर दबाव बना है। शेयर बाजार में दबाव से भी रुपए में गिरावट आई है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपए पर दबाव बना है। खपत बढ़ाने के लिए सरकार ने GST घटाया है। 5, 18 और 40 फीसदी की दर 22 सितंबर से लागू होने वाली है।
अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। अब बाजार की नजर 17 सितंबर पर बनी हुई है। 17 सितंबर को US फेड ब्याज दरों पर फैसला लेगा करीब 100 फीसदी लोगों को 0.25 फीसदी कटौती की उम्मीद है। अगले हफ्ते भारत-EU के बीच बैठक होगी। 2025 में डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर नजर डालें तो जनवरी में ये 86.72 के निचले स्तर तक गया है। इसके बाद ये मार्च में 87.44 रुपए प्रति डॉलर तक टूटा। फिर मई में इसमें 86.11 की स्तर देखने को मिला। जुलाई में इसमें 87.84 का निचला स्तर देखने को मिला। वहीं, सितंबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 88.34 के स्तर तक टूटता दिखा है।
कहां तक फिसल सकता है रुपया
बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक निकट भविष्य में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.5-88.5 के दायरे में कारोबार करता नजर आ सकता है। हालांकि, मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल्स लॉन्ग टर्म में रुपए को सपोर्ट प्रदान करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है "हम निकट भविष्य में रुपए के 87.5-88.5/USD की रेंज में रहने का अनुमान लगा रहे हैं। हमारा मानना है कि लॉन्ग टर्म में मजबूत मैक्रो-फंडामेंटल्स से रुपए को सपोर्ट मिलेगा।"
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त में रुपये में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, अगर कमज़ोर डॉलर को ध्यान रख कर देखा जाए तो रुपये में गिरावट ज़्यादा बड़ी दिखाई देती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शॉर्ट टर्म में रुपए पर कुछ दबाव बना रह सकता है,क्योंकि निवेशक टैरिफ के प्रभाव और ट्रेड वार्ता से संबंधित मुद्दों पर स्पष्टता आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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