कुछ ही हफ्तों में खत्म हो जाएगा 2024, क्या इस साल स्टॉक मार्केट में आएगी सांता क्लाज रैली?

साल के अंत में स्टॉक मार्केट में सांता क्लॉज रैली देखने को मिलती है। दरअसल, क्रिसमस से पहले ही विदेशी फंड मैनेजर्स अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए अपने घर लौट जाते हैं। इससे मार्केट में एक्शंस कम हो जाते हैं। ऐसे में थोड़ी खरीदारी या बिकवाली का बाजार पर ज्यादा असर पड़ता है

अपडेटेड Nov 19, 2024 पर 2:27 PM
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साल के अंत में स्टॉक्स की कीमतें बढ़ाने की कोशिश की जाती हैं। इससे मार्केट में तेजी आती है, जिसे सांता क्लॉज रैली कहा जाता है।

फाइनेंशियल मार्केट्स पर ट्रेडर्स के एक्शंस का असर पड़ता है। ट्रेडर्स के एक्शंस उनकी आदत से प्रेरित होते हैं। आदत की वजह से ट्रेडर्स बार-बार एक तरह के एक्शंस लेते हैं, जिस वजह से प्राइस साइकिल देखने को मिलती है। इनमें से एक है कैलेंडर ईयर-एंड साइकिल जो काफी अहम है। मार्केट एक्सपर्ट्स इसे मार्केट का सांता क्लॉज फेज कहते हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए फाइनेंशियल ईयर 31 दिसंबर को खत्म हो जाता है। विदेशी फंड मैनेजर्स अपने परिवार के साथ समय बीताने के लिए क्रिसमस से पहले अपने घर लौट जाते हैं।

क्या है सांता क्लॉज रैली?

विदेशी फंड (Foreign Funds) मैनेजर्स का परफॉर्मेंस से जुड़ा इंसेंटिव भी साल के अंत में ओपन प्राइसेज पर ईयर-एंड क्लोजिंग प्राइसेज से तय होता है। यही वजह है कि साल के अंत में स्टॉक्स की कीमतें बढ़ाने की कोशिश की जाती हैं। इससे मार्केट में तेजी आती है, जिसे सांता क्लॉज रैली कहा जाता है। चूंकि ट्रेडर्स का पार्टिसिपेशन काफी घट जाता है जिससे थोड़ी खरीदारी या थोड़ी बिकवाली का काफी ज्यादा असर शेयरों की कीमतों पर देखने को मिलता है।


2024 कई मायनों में खास रहा

यह साल कई मायनों में स्पेशल रहा। करीब 60 देशों में इस साल सरकार चुनने के लिए चुनाव हुए। इसका असर मार्केट्स पर भी देखने को मिला। चुनावों के दौरान नेताओं ने इकोनॉमी से जुड़े डेटा वोटर्स तक पहुंचाने की कोशिश की। ऐसा लगता है कि इस साल की सांता क्लॉज की रैली थोड़ी फीकी रहेगी। साल के अंत में इस रैली का फायदा उठाने की जगह इनवेस्टर्स कमजोर शेयरों से बाहर निकलने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में कुछ शेयरों की कीमतों गिरावट भी दिख सकती है। हम इस साल चार बार ऐसी स्थितियां देख चुके हैं। आखिरी बार 1-7 अक्टूबर को ऐसी स्थिति देखने को मिली थी।

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कैपिटल बचाना है समझदारी

अनुभवी निवेशक यह जानते हैं कि कैपिटल एप्रिसिएशन की जगह पूंजी बचाना समझदारी है। कैपिटल रहने पर आपको बाद में कभी भी निवेश करने की आजाद होती है। इसलिए अगर खरीदारी का मौका मिलता है तो भी आपको एक बार में अपने पूरे पैसे का निवेश करना ठीक नहीं रहेगा। आप धीरे-धीरे निवेश कर सकते हैं, जिससे आपको औसत खरीद कीमत का लाभ मिलेगा।

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