स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के लिए फाइनेंशियल ईयर 2024-25 अच्छा रहा। बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में 70,902 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले 16 फीसदी ज्यादा है। इसमें अच्छी लोन ग्रोथ, ऑपरेटिंग खर्च पर नियंत्रण और कम क्रेडिट कॉस्ट का हाथ है। हालांकि, बैंक के मार्जिन में गिरावट आई है। लेकिन, एसेट क्वालिटी बेहतर हुई है। क्रेडिट कॉस्ट बहुत कम होने से भी बैंक को काफी मदद मिली है।
प्रोविजनिंग से पहले ऑपरेटिंग प्रॉफिट एक लाख करोड़ के पार
प्रोविजनिंग से पहले SBI का ऑपरेटिग प्रॉफिट 1,00,000 करोड़ को पार कर गया। बैंक का रिटर्न ऑन एसेट (RoA) FY25 में 1.10 फीसदी रहा। अच्छे रिटर्न रेशियो और अच्छी एसेट क्वालिटी के बावजूद बैंक के शेयरों में कम वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग हो रही है। साल दर साल आधार पर बैंक का कुल एडवान्स 12 फीसदी बढ़ा है। रिटेल क्रेडिट ग्रोथ में सुस्ती दिखी। लेकिन, एसएमआई क्रेडिट की ग्रोथ सबसे ज्यादा रही। SBI की लोन बुक में रिटेल लोन की हिस्सेदारी 42 फीसदी रही है। इसमें FY25 में 11 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली।
बैंक के पास क्रेडिट पोर्टफोलियो बढ़ाने की काफी गुंजाइश
एसबीआई की लोन बुक में कॉर्पोरेट लोन की हिस्सेदारी 34 फीसदी रही है। इसकी ग्रोथ साल दर साल आधार पर 9 फीसदी रही। डिपॉजिट ग्रोथ 9 फीसदी रही। यह एडवान्सेड की ग्रोथ से कम है। बैंक का क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेशियो 69.71 फीसदी रहा, जो बैंकिंग इंडस्ट्री के सीडी रेशियो से काफी कम है। कम सीडी रेशियो का मतलब है कि बैंक के पास क्रेडिट पोर्टफोलियो बढ़ाने की अच्छी गुंजाइश है। बैंक ने FY26 में 25,000 करोड़ रुपये का इक्विटी कैपिटल जुटाने का प्लान बनाया है।
मैनेजमेंट ने 3 फीसदी से ज्यादा मार्जिन का टारगेट तय किया
एसबीआई का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (डोमेस्टिक बुक) FY25 में घटकर 3.22 फीसदी पर आ गई। यह बड़े प्राइवेट बैंकों के मुकाबले काफी कम है। आगे रेपो रेट में कमी की संभावना है, जिससे मार्जिन पर दबाव बना रह सकता है। एसबीआई के मैनेजमेंट ने 3 फीसदी से ज्यादा मार्जिन का टारगेट तय किया है। बैंक का ट्रेडिंग/ट्रेजरी मुनाफा अच्छा रह सकता है, क्योंकि रेपो रेट में कमी से बॉन्ड यील्ड में नरमी आ सकती है। इससे बैंक के मार्जिन पर दबाव कुछ घटेगा।
बीते एक साल में स्टॉक का प्रदर्शन बैंक निफ्टी से कमजोर
एसबीआई के शेयरों का प्रदर्शन बीते एक साल में Bank Nifty के मुकाबले कमजोर रहा है। इस दौरान बैंक निफ्टी ने 8 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है, जबकि SBI के शेयरों में 4 फीसदी गिरावट आई है। अभी एसबीआई के शेयरों में FY27 की अनुमानित बुक वैल्यू के 0.9 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह 1 फीसदी से ज्यादा RoA और 19 फीसदी RoE को देखते हुए काफी अट्रैक्टिव है।
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क्या आपको स्टॉक में निवेश करना चाहिए?
बैंकिंग इंडस्ट्री में एसबीआई की बड़ी हिस्सेदारी, बेहतर रिटर्न रेशियो और अच्छी एसेट क्वालिटी को देखते हुए इसका लंबी अवधि का औसत वैल्यूएशन मल्टीपल ज्यादा होना चाहिए। इसका मतलब है कि इस स्टॉक की वैल्यूएशन कम है। ऐसे में शेयरों की दोबारा रेटिंग होनी तय है। इनवेस्टर्स मध्यम से लंबी अवधि के लिए इस स्टॉक में निवेश कर सकते हैं। 5 मई को एसबीआई का शेयर 1.18 फीसदी गिरकर 790 रुपये पर बंद हुआ।
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