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जल्द ही उपलब्ध होगा एक और टैक्स बचाने वाला निवेश विकल्प, सेबी ने पैसिवली मैनेज्ड ईएलएसएस को दी मंजूरी

सेबी के इस फैसले से पैसिव स्कीमों पर फोकस करने वाले नए जमाने के फंड हाउसों को पैसिवली मैनेज्ड ईएलएसएस फंड लॉन्च करने के मौके मिलेंगे

अपडेटेड May 24, 2022 पर 1:13 PM
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सेबी ने 23 मई को म्यूचुअल फंडों को पैसिवली मैनेज्ड फंडो (निष्क्रिय रुप से प्रबंधित इक्विटी -लिंक्ड बचत योजनाएं) भी लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है

म्यूचुअल फंड निवेशकों को जल्द ही एक और टैक्स बचाने वाला निवेश विकल्प मिल जाएगा। सेबी ने 23 मई को म्यूचुअल फंडों को पैसिवली मैनेज्ड फंडो (निष्क्रिय रुप से प्रबंधित इक्विटी -लिंक्ड बचत योजनाएं) भी लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है।

सेबी ने इस बारे में जारी निर्देश में कहा है कि ये पैसिवली मैनेज्ड ईएलएसएस योजनाएं उस इंडेक्स पर आधारित होनी चाहिए जिनमें मार्केट कैप के लिहाज से 250 टॉप कंपनियां शामिल हों। हालांकि सेबी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि म्यूचुअल फंडों में या तो ऐक्टिवली मैनेज्ड ईएलएसएस स्कीमें (सक्रिय रूप से प्रबंधित) होगी या फिर इनमें पैसिवली मैनेज्ड ईएलएसएस (निष्क्रिय रुप से प्रबंधित) स्कीम होगी, दोनों नहीं हो सकतीं।

सेबी के इस फैसले से पैसिव स्कीमों पर फोकस करने वाले नए जमाने के फंड हाउसों को पैसिवली मैनेज्ड ईएलएसएस फंड लॉन्च करने के मौके मिलेंगे। सेबी ने रिटेल इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट के रुप में ऐसे फंडों की बढ़ती लोकप्रियता तो ध्यान में रखते हुए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) और इंडेक्स फंड जैसे पैसिव फंडों के प्रबंधन के लिए ये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। ये नए निर्देश 1 जुलाई से लागू होंगे और सभी मौजूदा ETFऔर इंडेक्स फंड इसके दायरे में आएंगे।


डेट पैसिव के लिए इन्वेस्टमेंट लिमिट

इसके अलावा सेबी ने डेट पैसिव फंडों जैसे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) और इंडेक्स फंड के मैनेजमेंट के लिए भी गाइडलाइन जारी किए हैं। इस गाइडलाइन में यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि पैसिव फंड किसी डायवर्सिफाइड अंडरलाइन इंडेक्स पर ही आधारित हो।

अगर किसी इंडेक्स में 80 एक्सपोजर कॉरपोरेट डेट सिक्योरिटीज की है तो AAA-रेटेड सिक्योरिटीज में सिंगल इश्यूअर लिमिट 15 फीसदी रखी गई है। AAA-रेटेड सिक्योरिटीज के लिए, सीमा 12.5 फीसदी निर्धारित की गई है। किसी इंडेक्स में सिंगल ए-रेटेड सिक्योरिटीज का वेटेज 10 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता।

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अगर इंडेक्स एक हाइब्रिड इंडेक्स है, यानी जिसमें कॉरपोरेट डेट सिक्योरिटीज और जी-सेक या स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल) दोनों शामिल हैं, और जिसमें कॉरपोरेट डेट का 80 फीसदी तक वेटेज है, तो ये लिमिट अगल होगी।

इंडेक्स में किसी सिंगल इश्यूअर की AAA-रेटेड सिक्योरिटीज का वेटेज 10 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। हालांकि पीएसयू और सार्वजनिक वित्तीय संस्थाओं के मामले में सिंगल इश्यूअर की लिमिट 15 फीसदी होगी।

इंडेक्स में किसी सिंगल इश्यूअर की AA-रेटेड सिक्योरिटीज का वेटेज 8 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। जबकि इंडेक्स में किसी सिंगल इश्यूअर की A-रेटेड सिक्योरिटीज का वेटेज 6 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता।

इंडेक्स में एक ही बिजनेस ग्रुप की के डेट सिक्योरिटीज का वेटेज 25 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। इसी तरह इंडेक्स में एक ही सेक्टर का वेटेज 25 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है। ध्यान रखें कि G-Sec (सरकारी प्रतिभूति) और SDLs पर आधारित इंडेक्स के लिए, सिंगल इश्यूअर लिमिट नहीं होगी।

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