SEBI board meeting: सेबी के बोर्ड की बैठक में आज हो सकते हैं कई बड़े फैसले, बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ के नियम हो सकते हैं नरम

SEBI board meeting: यह सेबी के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में बोर्ड की तीसरी बैठक है। पांडेय ने इस साल 1 मार्च को सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी। रेगुलेटर कंपनियों के लिए इश्यू पेश करने के नियमों को नरम बनाने के साथ ही रिटेल इनवेस्टर्स के हित में बड़े फैसले ले सकता है

अपडेटेड Sep 12, 2025 पर 6:29 PM
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सेबी के बोर्ड में इंडिया में दाखिल होने वाले लो-रिस्क फॉरेन इनवेस्टर्स के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।

सेबी की 12 सितंबर की बोर्ड मीटिंग में कई बड़े फैसले होने की उम्मीद है। रेगुलेटर कंपनियों के लिए इश्यू पेश करने के नियमों को नरम बनाने के साथ ही रिटेल इनवेस्टर्स के हित में बड़े फैसले ले सकता है। सूत्रों का कहना है कि आज की बैठक में बोर्ड के सामने सबसे बड़ा मसला बड़ी कंपनियों के आईपीओ से जुड़ा है। उम्मीद है कि बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ के नियमों को आसान बनाया जा सकता है। यह सेबी के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में बोर्ड की तीसरी बैठक है। पांडेय ने इस साल 1 मार्च को सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी।

फॉरेन इनवेस्टर्स के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम

सेबी के बोर्ड में इंडिया में दाखिल होने वाले लो-रिस्क फॉरेन इनवेस्टर्स के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इससे विदेशी निवेशकों के लिए कंप्लायंस आसान होगा और इंडिया की पहचान दुनिया में बड़े इनवेस्टमेंट हब के रूप में बनेगी। सूत्रों का कहना है कि रेगुलेटर बड़ी कंपनियों को छोटे साइज के आईपीओ पेश करने की इजाजत दे सकता है। लिस्टिंग के बाद कंपनियों को पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों के पालन के लिए लंबा वक्त दिया जा सकता है।


बड़ी कंपनियों के लिए IPO के नियम होंगे आसान

रेगुलेटर 50,000 से एक लाख करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनियों को 1,000 करोड़ रुपये का मिनिमम पब्लिक ऑफर पेश करने की इजाजत दे सकता है। इन कंपनियों को 25 फीसदी के मिनिमम शेयरहोल्डिंग के नियम का पालन करने के लिए 5 साल का समय दिया जा सकता है। अभी मिनिमम शेयरहोल्डिंग के नियम के पालन के लिए कंपनियों को 3 साल का समय मिलता है। सूत्रों के कहना है कि बोर्ड की बैठक में एक्रिडिटेड इनवेस्टर्स के नियमों में भी बदलाव पर फैसला हो सकता है। इसके अलावा रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (invITs) को इक्विटी स्टेटस देने पर फैसला हो सकता है। सेबी पहले से कई प्रस्तावों को पब्लिक कंसल्टेशन के लिए जारी कर चुका है।

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वीकली की जगह फोर्टनाइटली एक्सपायरी पर विचार

बीएसई के एमडी और सीईओ सुंदररमन राममूर्ति ने कहा था कि इंडिया में रेगुलेटरी प्रोसेस को लगातार बेहतर बनाने की प्रक्रिया जारी रहती है। सेबी हर बड़े बदलाव व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया के बाद करता है। उन्होंने कहा कि वीकली एक्सपायरी खत्म करने के प्रस्ताव पर भी व्यापक बदलाव के बाद ही फैसला होने की उम्मीद है। इस मसले पर सेबी कई पक्षों की राय लेना चाहता है। वीकली एक्सपायरी खत्म कर फोर्टनाइटली एक्सपायरी शुरू करने के बारे में एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है।

MoneyControl News

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First Published: Sep 12, 2025 6:18 PM

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