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SEBI Chief ने कहा, स्टॉक एक्सचेंज साइबर अटैक रोकने के लिए सिस्टम तैयार कर रहे हैं

बुच ने कहा कि नए सिस्टम में एक एक्सचेंज के क्लाइंट्स के ट्रेड के सभी डेटा दूसरे एक्सचेंज के सर्वर पर स्टोर होंगे। इससे साइबर अटैक की स्थिति में मार्केट का कामकाज प्रभावित नहीं होगा

अपडेटेड Oct 28, 2022 पर 3:01 PM
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सेबी ने हाल में मार्केट पार्टिसिपेंट्स को ऐसे लोगों से फाइनेंशियल एडवाइस नहीं लेने को कहा था, जो बतौर इनवेस्टमेंट एडवाइजर सेबी के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं।

Sebi chief Madhabi Puri Buch: SEBI साइबर अटैक (Cyber Attack) के खतरे को कम करने के लिए एक सिस्टम तैयार कर रहा है। इसके लिए वह NSE और BSE की मदद ले रहा है। सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने 28 अक्टूबर (शुक्रवार) को यह जानकारी दी। उन्होंने IIM-बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में इस बारे में बताया।

बुच ने कहा कि नए सिस्टम में एक एक्सचेंज के क्लाइंट्स के ट्रेड के सभी डेटा दूसरे एक्सचेंज के सर्वर पर स्टोर होंगे। इससे साइबर अटैक की स्थिति में मार्केट का कामकाज प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर एक एक्सचेंज का कामकाज प्रभावित होता है और सेबी को लगता है कि इसकी वजह साइबर अटैक है और एक्सचेंज के कामकाज को तुरंत ठीक नहीं किया जा सकता तो सेबी के सिर्फ एक बटन दबाने से डेटा एक्सचेंज बी के सिस्टम पर अपलोड हो जाएगा। इससे हर पार्टिसिपेंट पहले की तरह ऑपरेट करता रहेगा।

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उन्होंने कहा, "हम साइबर सिक्योरिटी को लेकर बहुत फिक्रमंद हैं। नए सिस्टम के चालू होने के बाद हम इस तरह के अटैक से निपट सकते हैं।" उन्होंने बताया कि मिटिगेशन सिस्टम मार्च में काम करना शुरू कर देगा। उन्होंने बताया कि फाइनफ्लूएंशर्स और उसके असर के बीच फर्क करना होगा। जब तक इंफ्लूएंसर और एक ऐसे व्यक्ति के बीच कॉन्ट्रैक्ट नहीं होता, जो उसके फाइनेंशियल एडवाइस का पालन करता है तो सेबी किसी तरह की गड़बड़ी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता।

सेबी ने हाल में मार्केट पार्टिसिपेंट्स को ऐसे लोगों से फाइनेंशियल एडवाइस नहीं लेने को कहा था, जो बतौर इनवेस्टमेंट एडवाइजर सेबी के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं। इस बारे में रेगुलेटर की पहल के बाद स्टॉक एक्सचेंजों ने भी कदम उठाए हैं। उन्होंने किसी से स्टॉक इनवेस्टमेंट टिप्स लेने और किसी कंपनी के साथ अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी शेयर करने से मना किया है।

बुच ने कहा, "सच्चाई यह है कि रेगुलेटर हमेशा एक कदम पीछे रहेगा। लेकिन, उम्मीद है कि यह कई कदम पीछे नहीं होगा।" उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, वैसे-वैसे फाइनेंशियल मार्केट में गड़बड़ी करने की कोशिशें जारी रहेंगी। हम गलत करने वाले लोगों के लिए चीजों को मुश्किल से मुश्किल बना देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि रेगुलेटर लगातार प्रस्तावित रेगुलेशंस के साथ मौजूदा रेगुलेशन की बैक-टेस्टिंग के जरिए हर पॉलिसी डिसीजंस में डेटा का इस्तेमाल कर रहा है। सेबी जैसा एक सरकारी दफ्तर डेटा और टेक्नोलॉजी के बगैर सांस नहीं ले सकता। फ्यूचर डेटा और टेक्नोलॉजी का है। हमें इसके साथ सहज रहना होगा।

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