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शेयर की खरीद की तारीख और उनके ट्रांसफर की तारीख के बीच वित्त वर्ष बदल जाए तो क्या होगा?

प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस (PNC) से जुड़े एक दिलचस्प मामले में शेयरों को खरीदने के लिए ऑर्डर वित्त वर्ष के आखिर में हुआ। स्टॉक मार्केट्स में लगातार तीन दिन की छुट्टी होने से शेयरों का ट्रांसफर नए वित्त वर्ष में हो पाया। फिर सवाल यह है कि शेयरों की खरीद किस वित्त वर्ष में मानी जाएगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 20, 2025 पर 5:41 PM
शेयर की खरीद की तारीख और उनके ट्रांसफर की तारीख के बीच वित्त वर्ष बदल जाए तो क्या होगा?
कोई भी रेगुलेटेड एंटिटी 25,000 रुपये की फीस चुकाकर सेबी से इफॉर्मल गाइडेंस मांग सकती है।

सेबी ने प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस (पीएनसी) मामले में एक गाइडेंस नोट जारी किया है। इससे एक ऐसे मसले पर स्थिति साफ हो गई है, जिसे लेकर काफी समय से उलझन बनी हुई थी। सेबी यह स्पष्ट किया है कि किसी कंपनी का अधिग्रहण उस तारीख से प्रभावी माना जाएगा, जिस तारीख को कंपनी के टेकओवर का एग्रीमेंट हुआ है। हालांकि, सेबी यह गाइडेंस इनफॉर्मल है। लेकिन, इससे बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि शेयरों के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने या वोटिंग राइट्स से नहीं बल्कि टेकओवर के नियमों के तहत अधिग्रहण के पीछे का मकसद सबसे अहम होगा।

पीएनएसी ने एक मामले में सेबी से गाइडेंस मांगा था

दरअसल, पीएनसी ने एक खास मामले में सेबी से गाइडेंस मांगा था। प्रमोटर ग्रुप की एक कंपनी Ideas.Com ने PNC में  4.87 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तीन ट्रांजैक्शन किए थे। ये ट्रांजेक्शन 26, 27 और 28 मार्च, 2025 को हुए। स्टॉक एक्सचेंजों ने भी इसे नोटिफाय कर दिए। लेकिन, 29, 30 और 31 मार्च को स्टॉक मार्केट में छुट्टी होने की वजह से शेयर हिस्सेदारी खरीदने वाली कंपनी के अकाउंट में 31 मार्च तक ट्रांसफर नहीं हो पाए। 31 मार्च वित्त वर्ष का आखिरी दिन था।

सेबी के गाइडेंस में क्या कहा गया?

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