SEBI in Action: बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने तीन ऑनलाइन प्लेटफार्मों को अनलिस्टेड बॉन्ड्स की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। सेबी ने यह भी कहा है कि इन प्लेटफार्मों- आल्टग्राफ (Altgraaf), टैप इनवेस्ट (Tap Invest) और स्टेबल इनवेस्टमेंट्स (Stable Investments) के धोखाधड़ी के मामलों की जांच चल रही है और इस मामले अभी जांच जारी रहेगी। यह नोटिस सोमवार को जारी किया गया। आल्टग्राफ को एआई ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड ऑपरेट करती है। इसकी नींव रेगुलेटेड फिक्स्ड-इनकम इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जिराफ (Jiraaf) शुरू करने वाले विनीत अग्रवाल और सौरव घोष ने 2021 में डाली थी। टैप इनवेस्ट भी 2021 में शुरू हुआ था और निवेशकों से यह 23 लाख डॉलर जुटा चुकी है। स्टेबल इनवेस्टमेंट्स को कनिष्क रंका ने 2022 मे शुरू किया था।
सेबी के नियमों के मुताबिक खुदरा निवेशक मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के तहत डेट सेगमेंट स्टॉक ब्रोकर्स के रूप में रजिस्टर्ड रेगुलेटेड एंटिटीज के के जरिए अनलिस्टेड कॉरपोरेट बॉन्ड्स और NCDs (नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स) में निवेश कर सकते हैं। इन्हें ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफार्म प्रोवाइडर्स (OBPPs) कहा जाता है। अब सेबी की नियमित जांच में यह सामने आया कि ये प्लेटफार्म विशेष लाइसेंस नियमों के तहत पंजीकृत नहीं थे। जांच में यह सामने आया कि इन तीनों प्लेटफॉर्म तक NCDs प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए पहुंचे और फिर इन्हें पब्लिक तौर पर उपलब्ध कराया गया। जांच में यह भी सामने आया कि इन तीन कंपनियों ने नियामकीय जांच से बचने के लिए एक जटिल रास्ता अपनाया था।
जांच कर रहे सेबी के एक सदस्य अश्वनी भाटिया का कहना है कि इन प्लेटफॉर्मों को प्राइवेट प्लेसमेंट के तहत लेन-देन को सेकंडरी सेल्स के तौर पर उपलब्ध कराने की मंजूरी नहीं थी। इसके अलावा सेबी का यह भी कहना है कि इन्होंने ग्राहकों के सामने यह पेश किया कि पूरी प्रक्रिया नियमों के तहत हो रही है यानी कि नियमों के मुताबिक इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी बन रहा है।
कितने पैसे जुटाए थे तीनों कंपनियों ने
सेबी ने पाया कि आल्टग्राफ के ऐलान के मुताबिक इस प्लेटफार्म ने 75 कंपनियों के लिए 18 नवंबर तक 4,400 करोड़ रुपये से अधिक के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) की बिक्री में मदद की। इस दौरान टैप इनवेस्टमेंट ने 100 से अधिक कंपनियों के लिए 400 करोड़ रुपये जुटाए थे। वहीं स्टेबल इनवेस्टमेंट्स ने कितने पैसे जुटाए, अभी सेबी इसकी जांच कर रहा है।