अगर आप स्टॉक मार्केट्स में निवेश की बारीकियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। सेबी ने एक इनवेस्टर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम शुरू किया है। यह बिल्कुल फ्री है। मार्केट रेगुलेटर ने इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट (एनआईएसएम) के साथ मिलकर किया है। इस बारे में सेबी ने 11 जून को एक सर्कुलर जारी किया है। उसमें कहा गया है कि इस सर्टिफिकेशन प्रोग्राम का मकसद मार्केट्स से जुड़े इनवेस्टर्स के ज्ञान को बढ़ाना है। वे इसके जरिए मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के अपने ज्ञान की जांच कर सकेंगे। इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि इनवेस्टर्स के निवेश से जुड़े नॉलेज में इजाफा हो और इसका दायरा विकसित हो जाए।
निवेशकों को स्टॉक मार्केट्स के बारे में व्यापक जानकारी मिलेगी
SEBI के सर्टिफिकेशन कोर्स में दिलचस्पी रखने वाले लोग investor.sebi.gov.in या https://www.nism.ac.in/sebi-investor-certification-examination/ पर जा सकते हैं। उन्हें वहां इसके बारे में विस्तार से जानकारी मिल जाएगी। SEBI का यह कोर्स इसलिए अहम है क्योंकि पिछले कुछ सालों में स्टॉक मार्केट में बड़ी संख्या में नए निवेशकों की एंट्री हुई है। इनमें से कई स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट से जुड़ी जानकारियों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के चैनल्स पर निर्भर करते हैं। वहां जानकारी देने वाले लोगों का अपना स्वार्थ होता है। इस बात को कई निवेशक समझ नहीं पाते।
शेयर बाजार की समझ से निवेशक को सही फैसले लेने में मदद मिलेगी
SEBI के होल टाइम मेंबर अनंत नारायण ने इस कोर्स की लॉन्चिंग के मौके पर कहा कि सिक्योरिटीज मार्केट में डिजिटल फाइनेंशियल एजुकेशन बढ़ाने में इस नए सर्टिफिकेशन एग्जामनेशन की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा, "ऑनलाइन एग्जाम इनवेस्टमेंट प्रोसेस को लेकर इनवेस्टर्स की समझ बढ़ाएगा। वह सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े रिस्क को समझ सकेगा। इससे उसे रिस्क लेने की अपनी कैपेसिटी के हिसाब से निवेश का सही फैसला लेने में मदद मिलेगी।"
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अभी कई निवेशक जानकारी के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निर्भर करते हैं
इस कोर्स से सेविंग्स, इनवेस्टमेंट, बजटिंग और इनफ्लेशन जैसे फाइनेंस के बेसिक कॉन्सेप्ट्स को लेकर इनवेस्टर्स की समझ बढ़ेगी। उसे सरकार की कई स्कीमों के बारे में पता चलेगा। वह प्राइमरी और सेकेंडर मार्केट सहित सिक्योरिटीज मार्केट के पूरे स्ट्रक्चर के बारे में जान सकेगा। उसे स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरीज और रेगुलेटरी बॉडीज की भूमिका समझने में मदद मिलेगी। उसे हेजिंग और डायवर्सिफिकेशन के फायदों में बारे में पता चलेगा। साथ ही उसे विवाद से समाधान से जुड़े सिस्टम के बारे में भी जानकारी मिलेगी।