गौतम अदाणी का अदाणी समूह (Adani Group) एक बार फिर कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI की जांच के दायरे में है। सेबी इस बात की जांच कर रहा है कि अदाणी समूह ने बाजार में होने वाली गतिविधियों की जानकारी के डिस्क्लोजर के लिए अनिवार्य नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वालों का कहना है कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्टॉक एक्सचेंजों के अधिकारियों से पूछा है कि क्या अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड रिश्वतखोरी के आरोपों में अमेरिकी न्याय विभाग की जांच का उचित रूप से खुलासा करने में विफल रही है?
रिपोर्ट के मुताबिक, एक सोर्स ने कहा कि फैक्ट खोजने की प्रोसेस दो सप्ताह तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसके बाद सेबी यह तय कर सकता है कि वह औपचारिक जांच शुरू करना चाहता है या नहीं। सेबी ने पहले भी डिस्क्लोजर मानदंडों जैसे मामलों के लिए अदाणी समूह की जांच की है। हालांकि अभी तक निष्कर्षों का खुलासा नहीं किया है।
ब्लूमबर्ग ने 15 मार्च को रिपोर्ट दी थी कि अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या अदाणी की कोई एंटिटी या कंपनी से जुड़े लोग, जिसमें इसके अरबपति चेयरमैन भी शामिल हैं, एनर्जी प्रोजेक्ट पर अपने फेवर में ट्रीटमेंट के लिए भारत में अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे। इसके बाद 19 मार्च को स्टॉक एक्सचेंजों को दाखिल की गई फाइलिंग में अदाणी ग्रीन ने कहा कि उसे पता है कि किसी असंबंधित थर्ड पार्टी की ओर से अमेरिकी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन के लिए जांच चल रही है।
गौतम अदाणी पर 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत की पेशकश में शामिल होने का आरोप
21 नवंबर को खबर आई कि अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने आरोप लगाया है कि गौतम अदाणी, सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत की पेशकश की साजिश में शामिल हैं। घूस का वादा भारतीय सरकारी अधिकारियों को किया गया। अदाणी ग्रीन एनर्जी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर आर. अदाणी और MD-CEO विनीत एस. जैन पर भी अमेरिकी कानूनों को तोड़ने का आरोप लगा है।
हालांकि इस मुद्दे पर अदाणी ग्रुप ने अपनी प्रतिक्रिया में अदाणी ग्रीन के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। साथ ही कहा है कि सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे। अदाणी समूह ने कहा ग्रुप अपने स्टेकहोल्डर्स, पार्टनर्स और कर्मचारियों को आश्वस्त करता है कि वह कानून का पालन करने वाली ऑर्गेनाइजेशन है।
अपने आरोपों में अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने तर्क दिया कि मार्च में ब्लूमबर्ग को अदाणी की ओर से किया गया इनकार एक झूठा बयान था। इसका उद्देश्य कथित धोखाधड़ी योजना को आगे बढ़ाना था। यह भी कहा गया है कि गौतम अदाणी के भतीजे सागर अदाणी को एक साल पहले एक ग्रैंड जूरी समन और सर्च वॉरंट मिला था। सागर, अदाणी ग्रीन एनर्जी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्ट हैं।